बाड़े में घुसकर भेड़ों को शिकार बनाने वाले जंगली जानवर की पहचान नहीं हो पाई है। भेड़ों की गर्दन पर हमला कर पेट चीर दिया। अधिकांश भेड़ों की आंतें बाहर निकल आई। कई भेड़ें गर्भवती थी, जिससे भ्रूण बाहर निकल आए। पशु चिकित्सक समेत वन विभाग अभी तक जंगली जानवर के बारे में पता नहीं लगा सके हंै। कोई इसे पैंथर बता रहा है तो कोई अन्य जानवर।
जवाई हिल से सटा इलाका
हालांकि हमला करने वाले जंगली जानवर की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन लक्षण के आधार पर इसे पैंथर का हमला माना जा रहा है। पैंथर कन्वर्जेशन एरिया (जवाई हिल) से सटे इस गांव में पैंथर की आवाजाही से इनकार भी नहीं किया जा सकता। बाड़े में घुसकर एक साथ बड़ी संख्या में भेड़ों को मारने की घटना में पैंथर भी ज्यादा संख्या में होने का अनुमान है।इस सम्बंध में उप वन संरक्षक शशिशंकर पाठक ने बताया कि प्रथमदृष्टया इसे पैंथर का ही हमला माना गया है। पशुपालक को मुआवजा देने की भी समुचित कार्यवाही की जाएगी
रो पड़े भेड़ मालिक, प्रशासन देगा मुआवजा
मौके पर पहुंचे उपखंड अधिकारी ने भेड़ मालिक सांकलाराम से जानकारी प्राप्त की। भेड़ मालिक को हुए नुकसान से उसकी आंखों से आंसू बहने लगे। परिवार की महिलाएं भी फूट-फूटकर रोने लगी। उपखंड अधिकारी ने उसके सिर पर हाथ फेरकर आंसू पोछे। सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया। उधर, प्रधान जीवाराम आर्य ने उप वन संरक्षक से दूरभाष पर वार्ता की तथा पीडि़त परिवार की खराब आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए मुआवजा दिलाने की मांग की। उप वन संरक्षक ने उच्चाधिकारियों से बात कर उचित मुआवजा दिलाने का भरोसा दिलाया।