scriptआस्था के केन्द्र जसोल में बस स्टैंड का अभाव, लोग परेशान | Lack of bus stand in the center of faith in Jassol, people get annoyed | Patrika News

आस्था के केन्द्र जसोल में बस स्टैंड का अभाव, लोग परेशान

locationबाड़मेरPublished: Apr 15, 2019 09:23:27 pm

Submitted by:

Dilip dave

सड़कों पर खड़े वाहनों से राहगीरों व श्रद्धालुओंं को हो रही दिक्कत- हर दिन सैकड़ों जने आते हैं दर्शनार्थ

आस्था के केन्द्र जसोल में बस स्टैंड का अभाव, लोग परेशान

आस्था के केन्द्र जसोल में बस स्टैंड का अभाव, लोग परेशान

बालोतरा.

औद्योगिक व धार्मिक कस्बे जसोल में बस स्टैण्ड का अभाव रहवासियों, श्रद्धालुओं व वाहन चालकों के लिए बड़ी परेशानी बना हुआ है। बस स्टैण्ड अभाव में सड़क पर टैक्सियां, बसें ठहरती व संचालित होती है। इस पर हर पांच-दस मिनट बाद लगने वाले जाम से लोग परेशान होते हैं। लंबे समय से मांग के बावजूद ग्राम पंचायत के बस स्टैण्ड निर्माण नहीं करवाने से आमजन में रोष है।
उपखंड बालोतरा का दूसरा बड़ा कस्बा जसोल औद्योगिक व धार्मिक कस्बा है। 20 हजार से अधिक आबादी वाले कस्बे के वस्त्र कारखानों में कामकाज तो माता राणी भटियाणी मंदिर के दर्शन के लिए हर दिन सैकड़ों जने आते हैं। शुक्ल पक्ष में माता के दर्शन के लिए प्रदेश के कोने-कोने से हजारों श्रद्धालु पहुंचते हंै। इस पर कस्बे में बस स्टैण्ड के अभाव में सड़क किनारे पर ही टैक्सियां, बसें, व निजी वाहन खड़े रहते हैं। सुबह से शाम हर समय दर्जनों की संख्या में खड़े वाहनों पर आवागमन को लेकर सर्वाधिक परेशानी कस्बेवासियों, श्रद्धालुओं व मार्ग से गुजरने वाले वाहन चालकों को उठानी पड़ती है। सवारियों को लेकर टैक्सियों व बसों के आड़े-तिरछे खड़े रहने तो दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के वाहन खड़ा कर कई घंटों तक वापिस नहीं लौटने से यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। इसके चलते दिन में कई बार जाम लगता है। कई बार हादसे होते-होते बचते हैं।
बहुत जरूरी है बस स्टैण्ड- जसोल में वस्त्र उद्योग व माता राणी भटियाणी मंदिर होने पर एक दशक में तेजी से इसका विकास हुआ है। प्रसिद्ध जैन तीर्थ नाकोड़ा, माता राणी भटियाणी मंदिर दर्शन के लिए रोडवेज की बसें संचालित होती हैं। जोधपुर, पाली, जालोर, जैसलमेर आदि कई स्थानों से निजी बसें व बालोतरा-जसोल-नाकोड़ा-मेवानगर- तिलवाड़ा के लिए करीब एक सौ से अधिक टैक्सियां संचालित होती है। इस पर कस्बे में बस स्टैण्ड की सख्त जरूरत है।
वाहनों की आपाधापी में होते हादसे- कस्बे में मुख्य सड़क के किनारे से बसें, टैक्सियां संचालित होती तो सैकड़ों वाहन खड़े रहते हैं। इससे आवागमन मुश्किल हो गया है। वाहनों की आपाधापी में हादसे होते हैं। हर दिन लोग परेशानी उठाते हैं। – धनराज माली
लोगों को हो रही परेशानी- बस स्टैण्ड की सख्त जरूरत है। शुक्ल पक्ष में मार्ग से गुजरना मुश्किल हो जाता है। चिकित्सालय के सामने टैक्सियां, बसें खड़ी रहने व संचालित होने से हर दिन हजारों परेशानी उठाते हैं। ग्राम पंचायत बस स्टैण्ड बनाएं। – ओमप्रकाश जैन

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