खनन माफिया बजरी की फिराक में रहते हैं। साथ ही हाइवे की होटलों पर एवं बजरी नाकों पर वाहनों में सवार होकर रैकी करते हैं। इसमें पुलिस एवं खनिज विभाग की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है। रात में अंधेरा छाने के बाद ट्रक भरवाए जाते हैं। हालांकि अवैध बजरी खनन में बिचौलिये मोटी रकम वसूल रही हैं।
बजरी खनन एवं परिवहन की रोकथाम के लिए पांच विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके बावजूद बजरी खनन नहीं रुक रहा है। मरु गंगा के सीने पर बुलडोजर चलाकर खोखला किया जा रहा है। इसके बावजूद जिम्मेदार विभाग मौन धारण किए हुए हैं।
और इधर… फर्जी कनेक्शन लिया अब नहीं भर रहे बिल सेड़वा . बामरला डेर निवासी एक जने ने एक अन्य के खिलाफ न्यायालय में इस्तगासा पेश कर उसके नाम से अवैध कृषि कनेक्शन करवाने व बिल नहीं भरने का मामला दर्ज करवाया। ग्रामीण तुलसाराम पुत्र आदूराम जाट ने इस्तगासे में बताया कि उसकी खातेदारी भूमि में विद्युत कनेक्शन के लिए चौहटन विद्युत विभाग में एक फाइल जमा करवाई गई थी।
कनेक्शन आने पर उन्होंने डिमांड राशि जमा नहीं करवाई तो लक्ष्मणराम, प्रहलादराम, भींयाराम व श्रीराम पुत्र नाथाराम जाट निवासी वाधा ने उसके फर्जी हस्ताक्षर कर पत्रावली को पुनर्जीवित कर अपने खेत ग्राम आलू का तला में ले लिया। मार्च 2018 में विद्युत विभाग ने बकाया बिल उसे दे दिया।
पता चलने पर उन्होंने उन लोगों को बिल भरने के लिए बोला तो उन्होंने मना कर दिया। इस पर उन्होंने 3 अगस्त को सेड़वा पुलिस थाना में लिखित रिपोर्ट पेश कर कार्रवाई की मांग की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।