हिन्दू मंदिरों में तोडफ़ोड़ और 52 से अधिक लड़कियों के अपहरण की घटनाओं ने हिन्दूओं को भयभीत कर दिया है। बहुसंख्यकों की ओर से अब गांव-गांव पहुंचकर धर्म परिवर्तन के लिए कमजोर वर्ग पर दबाव बनाया जा रहा है।
सिंध इलाके में तीन सौ से अधिक हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन दो दिन पहले एक जलसे में करवाया गया जिसमें भील और मेघवाल जाति के लोगों पर दबाव बनाया गया है। बोरिये बिस्तर बंधे हैं
कश्मीर मसले के बाद ज्यादती बढ़ गई है। सिंध इलाके में गरीबी, बीमारी और हिंसा को लेकर लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ रही है। एेसे में लोग अब भारत आना चाह रहे हैं। इसके लिए जरिया थार एक्सप्रेस थी लेकिन अब रेल बंद हो गई है। पाकिस्तान ने भारत जाने के लिए वीजा देना भी बंद कर दिया है।
सड़कों पर आए पर सुनवाई नहीं हिन्दू,मुस्लिम, सिक्ख और इसाई लगातार इन घटनाओं के विरोध में सड़कों पर आकर मानवाधिकार आयोग के कार्यालय कराची तक प्रदर्शन कर रहे है लेकिन उनकी सुनवाई किसी स्तर पर नहीं हो रही है। सिंध इलाके की विधानसभा में भी यह मामला हिन्दू विधायकों ने रखा लेकिन उनकी बात को तवज्जो नहीं दी जा रही है।
केस-1 पाकिस्तान के घोटकी जिले के डेरकी में सिंधी समाज के भक्त कंवरराम का मंदिर को तोड़ दिया गया। शिक्षक नूतनदास पर आरोप लगाते हुए दंगे का रूप दिया और अन्य मंदिरों को तोड़ा। सिंधी समाज पर ज्यादती होने से घोटकी जिले में हिन्दू भय में है।
केस-2 चांद मेडिकल कॉलेज लरकाना में एक लड़की की हत्या कर दी गई। एमबीबीएस की विद्यार्थी की हत्या को आत्महत्या का रूप दे दिया गया। यहां हिन्दू विद्यार्थियों के लिए अब पढ़ाई जारी रखने के लिए भय के साथ जीना पड़ रहा है। सुनवाई किसी स्तर पर नहीं हो रही है।
केस-3 सिंध इलाके में मौलाना नबी हक ऊर्फ मिट्ठू मियां ने धर्म परिवर्तन के लिए मुहिम चला दी है। घोटकी से शुरू होकर वह अब हिन्दुओं में भील और मेघवाल परिवार जो गरीब है उनके साथ ज्यादती कर रहा है । 300 से अधिक हिन्दुओं का चार दिन पहले एक साथ धर्म परिवर्तन करवाया गया।
खुली जेल के हालात सिंध में हिन्दुओं के लिए अब खुली जेल के हालात होने लगे हैं। मंदिर तोडऩे, अपहरण होने और धर्म परिवर्तन के मामलों बढ़ गए हंै। कश्मीर मामले के बाद भारत और पाकिस्तान आमने-सामने हो गए है। पाकिस्तान भारत से लडऩे में सक्षम नहीं है तो वह इसका बैर अब हिन्दूओं से निकाल रहा है।
– डॉ. बाबूदान बींजासर, अध्यक्ष ढाटपारकर वेलफेयर सोसायटी थार एक्सप्रेस बंद क्यों की पाकिस्तान के सिंध और भारत के थार इलाके शांत रहे हंै, लेकिन पाकिस्तान के कस्बों में घटनाएं यकायक बढ़ी है। घोटकी के मंदिर की तोडफ़ोड़ भी इसमें एक है। इस माहौल में भारत-पाक के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस बंद नहीं होनी चाहिए थी। पंजाब से बस सेवा शुरू है तो फिर थार एक्सप्रेस बंद क्यों? यह राजस्थान के साथ भेदभाव किया गया है। यह शांत बॉर्डर है और गरीब-हिन्दू मुसलमान थार एक्सप्रेस से आना-जाना कर रहे थे। थार एक्सप्रेस शुरू रहनी चाहिए।
– मानवेन्द्रसिंह, पूर्व सांसद