बड़ी बात तो यह कि स्थानीय विधायक मदन प्रजापत ने प्रशासन व राजस्व विभाग को मिल रही शिकायतों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अधिकारियों के लिए शायद ये आदेश कोई मायने नहीं रख रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि रिफाइनरी का कामकाज शुरू होने के साथ ही पत्थर, कंकरीट, मूंगिया की डिमांड बढ़ी है। इस पर कई लोगों ने समीपवर्ती असाड़ा, थोब, बागुंडी, आसोतरा क्षेत्र में क्रेशर लगाकर खनन कर रहे हैं।
हांलाकि खननकर्ता ने इसके लिए लीज ले रखी है, अधिक मांग के चलते लीजधारक आवंटित खान से बाहर सरकारी भूमि में अतिक्रमण कर मशीन स्थापित कर काम कर रहे हैं।इसे लेकर ग्रामीण लगातार राजस्व विभाग, प्रशासन और खनन विभाग को अवगत करवा रहे हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है।
नहीं चले विधायक के निर्देश अधिकारी अपने कार्य के प्रति कितने सजग है यह इस बात से समझा जा सकता है कि पंचायत समिति सहित विभागीय बैठकों में स्थानीय जनप्रतिनिधि लोगों की समस्याओं को सुनकर समाधान के निर्देश देते हैं, लेकिन इसकी पालना नहीं होती है।
बैठक से रवाना होते ही अधिकारी अपना मनमाना रवैया अपनाते हैं। आलम यह कि सतारूढ कांग्रेस पार्टी के विधायक की भी अधिकारी नहीं सुन रहे हैं तो आम आदमी की प्रशासन से सजगता की उम्मीद रखना बेकार है।