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विनयशीलता व कृतज्ञता से जीवन बनता श्रेष्ठ

locationबाड़मेरPublished: Jan 24, 2018 11:09:44 pm

Submitted by:

Dilip dave

मर्यादा महोत्सव कार्यक्रम

 समदड़ी के तेरापंथ भवन में मर्यादा महोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते मुनि मदनकुमार।

समदड़ी के तेरापंथ भवन में मर्यादा महोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते मुनि मदनकुमार।

समदड़ी. विनयशीलता व कृतज्ञता से जीवन श्रेष्ठ बनता है। मर्यादा जीवन का शृंगार है, जो विकास का आधार है। ज्ञान का सार आचार व आचरण है। विशुद्ध आचरण से ही ज्ञान की शोभा होती है। मुनि मदन कुमार ने तेरापंथ भवन में आयोजित 154वें मर्यादा महोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि आचार्य भिक्षु के पवित्र कर कमलों से लिखा हुआ मर्यादा पत्र तेरापंथ धर्म संघ का छत्र है। जो साधु विनीत होते हैं, उसके गुणगान आचार्य स्वयं करते हैं। मुनि सिद्धार्थ कुमार, संत कृष्णानन्द, नंदलाल जोशी, जयकुमार जीरावला, वेलचंद जीरावला, तेरापंथ महिला व कन्या मंडल के कार्यकर्ताटों ने भीे विचार व्यक्त किए। अशोक ज़ीरावला ने आभार ज्ञापित किया।
मर्यादा बनाती आत्मा को निर्मल व उज्ज्वल

बालोतरा.जसोल में साध्वी भानुकुमारी के सान्निध्य में तेरापंथ धर्म संघ का 154वां मर्यादा महोत्सव पुराना ओसवाल भवन में मनाया गया। साध्वी हेमरेखा, प्रसन्नप्रभा व ऋतुयशा ने दसवें कालिक के सूक्तों, मर्यादा घोष व गीत से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। धर्मसभा को संबोधित करते हुए साध्वी भानुकुमारी ने कहा कि मर्यादा में चलने वाला साधक अपनी आत्मा को निर्मल व उज्जवल बनाता हैं। मर्यादा संयम की सुरक्षा हैं। मर्यादा ही संघ को फलवान बनाती हैं। मर्यादावली का वाचन किया। सभा अध्यक्ष डूंगरचंद सालेचा, शंकरलाल ढेलडिय़ा, सुरेश डोसी, महिला मंडल मंत्री ललितादेवी मेहता ने विचार व्यक्त किए। सभा मंत्री संपतराज चौपड़ा ने श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन किया। उन्होंने कहा कि आचार्य भिक्षु के पवित्र कर कमलों से लिखा हुआ मर्यादा पत्र तेरापंथ धर्म संघ का छत्र है। जो साधु विनीत होते हैं, उसके गुणगान आचार्य स्वयं करते हैं। मुनि सिद्धार्थ कुमार, संत कृष्णानन्द, नंदलाल जोशी, जयकुमार जीरावला, वेलचंद जीरावला, तेरापंथ महिला व कन्या मंडल के कार्यकर्ताटों ने भीे विचार व्यक्त किए। अशोक ज़ीरावला ने आभार ज्ञापित किया।

02- समदड़ी के तेरापंथ भवन में मर्यादा महोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते मुनि मदनकुमार।

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