scriptसाहित्य समाज का होता है दर्पण | Literature is the mirror of society | Patrika News

साहित्य समाज का होता है दर्पण

locationबाड़मेरPublished: Oct 17, 2021 11:42:46 pm

Submitted by:

Dilip dave

– पुस्तक का वर्चुअल विमोचन कार्यक्रम

साहित्य समाज का होता है दर्पण

साहित्य समाज का होता है दर्पण

बाड़मेर. मकवाना व्याख्याता की लिखित पुस्तक जीव का जुनून का विमोचन समारोह वर्चुअल आयोजित हुआ।

मुख्य अतिथि डॉ. बी डी तातेड़ ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है। सद साहित्य से जीवन में संस्कार एवं आत्मबल पैदा होता है जिससे मानव के जीवन में आनंद की अनुभूति होती है। कार्यक्रम अध्यक्ष पुरस्कृत शिक्षक फोरम बाड़मेर के जिलाध्यक्ष सालगराम परिहार ने कहा कि जीत का जुनून पुस्तक में गद्य और पद्य की विधाओं के साथ प्रस्तुति दी गई, जिनमें शिक्षा के प्रति रुझान, मां का स्नेह, कुरीतियां निवारण, लोक संस्कृति के प्रति आस्था आदि पहलुओं को दर्शाया गया है।
पुरस्कृत शिक्षक फोरम राजस्थान जयपुर के महा सचिव रामेश्वर प्रसाद शर्मा ने कहा कि राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान प्राप्त मकवाना ने पुस्तक प्रकाशित कर शिक्षकों का गौरव बढ़ाया है। वर्चुअल कार्यक्रम में नेशनल अवॉर्डी गीता कुमारी, जगदीश प्रसाद बिश्नोई, स्टेट अवॉर्डी बिजा राम, मांगीलाल, भीमाराम देव पाल आदि मौजूद रहे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो