बाड़मेर

थार में 53 लाख से अधिक पशुधन, उपचार के 120 संस्थानों पर ताले

-पशुओं के इलाज के लिए भटकते हैं पशुपालक-जिले में कुल 340 पशु चिकित्सा संस्थान-गांवों से जिला मुख्यालय तक लाना पड़ता है बीमार पशुधन-पशु चिकित्सक व कम्पाउंर्स की कमी झेल रहा थार-चल चिकित्सा इकाई पड़ी है बंद

बाड़मेरDec 03, 2021 / 08:31 pm

Mahendra Trivedi

थार में 53 लाख से अधिक पशुधन, उपचार के 120 संस्थानों पर ताले

महेन्द्र त्रिवेदी
बाड़मेर. पशुधन बहुल जिले के रूप में पहचान रखने वाले सीमावर्ती बाड़मेर जिले में पशुओं के बीमार होने पर उपचार के लिए बहुत बड़ी दिक्कत पशुपालकों को झेलनी पड़ती है। बीमार होने पर जिले में पशु चिकित्सा के लिए संस्थान तो काफी संख्या में है। लेकिन इनमें से 120 पर तालों की स्थिति है। इसके चलते कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां पशु बीमार हो जाए तो उसे अन्य केंद्र पर ले जाकर उपचार करवाना पड़ता है। जो पशुपालकों काफी दिक्कत भरा है।
थार में पशुधन की संख्या कुल करीब 53 लाख से अधिक है। लेकिन इनके उपचार की सुविधाओं में बढ़ोतरी की बजाय कमी हो रही है। पशुधन में बढ़ोतरी लगातार हो रही है। साल 2019 में हुई पशुगणना में बाड़मेर जिले में पशुओं की संख्या बढ़ी है। लेकिन संस्थानों की गिनती की जाए तो ताले लगने वाले बढ़े हैं।
सरकार बढ़ा रही है उपकेंद्र, यहां पहले ही पद खाली
पशुओं को उपचार मिलने में सबसे बड़ी बाधा पदों की रिक्तता है। पद खाली होने के साथ केंद्रों पर ताले लग जाते हैं। अब सरकार नए उप केंद्र तो स्वीकृत कर रही है। लेकिन यहां पर लगाने के लिए चिकित्सक और कम्पाउंडर तो गिनती के हैं, जो पहले से ही यहां लगातार कम होते जा रहे हैं। जिले में कुल 120 पशु चिकित्सकों के पद है। लेकिन इनमें से 80 ही कार्यरत है और 40 रिक्त है। इसी तरह सबसे ज्यादा जरूरत कम्पाउंर की रहती है, लेकिन इनके भी 130 पद खाली है। जबकि कुल 355 पद स्वीकृत है। इसके कारण जिले में पशुधन खूब होने के बावजूद पदों की रिक्तता भी है। जो पशुधन के बीमार होने पर उपचार में सबसे बड़ी बाधा बन रहा है।
चल चिकित्सा इकाई भी बंद
पशुपालन विभाग की चल चिकित्सा इकाई भी लम्बे समय से बंद पड़ी है। संचालन के लिए तीन पद स्वीकृत है। जबकि तीनों खाली है। ऐसे में इसका ंसचालन पिछले करीब तीन सालों से बंद पड़ा है। जबकि इसका लाभ ऐसे क्षेत्र के पशुपालकों को मिलता रहा है, जहां आसपास में पशु चिकित्सा केंद्र नहीं है। लेकिन इकाई के बंद होने से पशुपालकों को इसका फायदा भी नहीं मिल रहा है।
केंद्रों पर तालों से पशुपालकों पर आर्थिक नुकसान
पशु चिकित्सा केंद्रों पर तालों से क्षेत्र के पशुपालकों को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। बीमार पशु को दूर केंद्र या फिर जिला मुख्यालय तक लाने में वाहन की जरूरत पड़ती है। इसके लिए किराए पर वाहन लेने से पशुपालक आर्थिक नुकसान भी झेलने को मजबूर है।
चल चिकित्सा इकाई बंद
विभाग की चल चिकित्सा इकाई बंद पड़ी है। इकाई संचालन के लिए तीन पद स्वीकृत है। लेकिन तीनों के खाली होने से लम्बे समय से इकाई का संचालन नहीं हो रहा है। पशुपालकों को समस्या नहीं हो, समय पर पशुधन का उपचार करने के लिए प्रयास करते हैं।
डॉ. रतनलाल जीनगर, संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग बाड़मेर
बाड़मेर जिले में पशुधन
गोवंश :905199
भैंसवंश : 222727
भेड़ : 1013419
बकरी: 2946662
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बाड़मेर: पशु चिकित्सा संस्थान
जिला रोग निदान प्रयोगशाला 1
बहुद्देश्यीय पशु चिकित्सालय 1
प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय 30
पशु चिकित्सालय 80
पशु चिकित्सा उपकेंद्र 220
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कुल चिकित्सा संस्थान 340
कुल क्रियाशील 220
तालों में बंद संस्थान 120
चिकित्सक व कपाउंडर के पदों की स्थिति
पद स्वीकृत रिक्त
चिकित्सक (वीओ/एसवीओ) ….. 120 ….. 40
कम्पाउंडर (एलएसए/वीए)….. 355 ….. 130
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