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सरकार ने माना बाड़मेर-जैसलमेर सबसे अधिक टिड्डी प्रभावित क्षेत्र

locationबाड़मेरPublished: Jul 04, 2019 09:30:46 pm

Submitted by:

Mahendra Trivedi

कृषि मंत्री ने वीसी से जिला कलक्टर्स के साथ की टिड्डी नियंत्रण की समीक्षाबाड़मेर-जैसलमेर पर वीसी में रहा विशेष फोकस

Locust attack in Barmer

सरकार ने माना बाड़मेर-जैसलमेर सबसे अधिक टिड्डी प्रभावित क्षेत्र

बाड़मेर। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार सीमावर्ती जिलों में टिड्डी नियंत्रण को लेकर गंभीर है और हरसंभव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अधिकारियों को पूरी सतर्कता के साथ उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग करते हुए टिड्डी नियंत्रण के निर्देश दिए। कटारिया गुरुवार को शासन सचिवालय में वीडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से प्रभावित क्षेत्र के जिला कलक्टर्स, टिड्डी चेतावनी संगठन एवं कृषि अधिकारियों के साथ प्रभावित क्षेत्र, टिड्डी दल पर निगरानी, सर्वेक्षण एवं प्रबंधन तथा नियंत्रण की समीक्षा कर निर्देशित कर रहे थे।
कृषि मंत्री कटारिया ने कहा कि प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान की सीमा से सटे बाड़मेर और जैसलमेर जिले टिड्डी से ज्यादा प्रभावित है, जहां आठ हजार हैक्टेयर क्षेत्र में कीटनाशक का छिड़काव कर टिड्डी नियंत्रण किया गया है। जालोर जिले में भी दो दिन पहले टिड्डी मिली थी, जिसे नियंत्रित कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि श्रीगंगानगर, बीकानेर एवं जोधपुर जिलों में अभी तक कहीं भी टिड्डी आने की सूचना नहीं मिली है, लेकिन सीमा से लगते क्षेत्र में टिड्डी होने के कारण इन जिलों को भी अलर्ट पर रखा गया है और नियंत्रण के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने बताया कि टिड्डी पर फिलहाल पूरी तरह नियंत्रण है और किसी प्रकार का नुकसान नहीं है। उन्होंने अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों के साथ पूर्ण सामंजस्य रखकर टिड्डी नियंत्रण में सहयोग लेने को कहा। कृषि मंत्री ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता किसान हित में टिड्डी पर पूरी तरह नियंत्रण करना है। इसके लिए फील्ड स्टाफ, कीटनाशक दवाई के छिड़काव एवं सर्वे के लिए आवश्यक वाहन सहित सभी संसाधन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
जरूरत पर अस्थायी कार्मिक लगाने की अनुमति
खण्डीय संयुक्त निदेशक को अन्य स्थानों से कार्मिकों को टिड्डी प्रभावित इलाकों में अस्थायी रूप से नियुक्त करने का अधिकार दिया गया है, ताकि जरूरत के अनुसार कार्मिकों को लगाया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग करने के लिए टिड्डी दल की सूचना का पटवारी-ग्राम सेवक स्तर पर वेरिफाई कर कीटनाशक का छिड़काव करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वीकृत वाहनों के लिए संविदा दर शीघ्र तय कर उपयोग में लेना सुनिश्चित करने को कहा। कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पवन कुमार गोयल ने जिला कलक्टर्स को स्थिति की निरंतर मॉनिटरिंग करने और वस्तुस्थिति के अनुसार संसाधनों की जरूरतों से अवगत कराने के निदेज़्श दिए। उन्होंने टिड्डी चेतावनी संगठन के अधिकारियों से टिड्डी नियंत्रण के लिए पाकिस्तान और गुजरात में हो रहे प्रयासों की जानकारी ली और निर्देशित किया।
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