वहीं, राजस्थान की बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट ( Barmer Jaisalmer Lok Sabha constituency ) की बात करें तो चुनावों में सबसे ज्यादा चर्चित ये सीट रही है। साथ ही मानवेंद्र सिंह के चुनाव लड़ने के बाद यहां कांग्रेस का दबदबा नजर आ रहा है। साथ ही बीजेपी के कैलाश चौधरी की ‘हवा’ भी है।
प्रदेश में बीजेपी के पक्ष में आए एग्जिट पोल के नतीजों के बाद भी बाड़मेर-जैसलमेर सीट मानवेन्द्र सिंह vs कैलाश चौधरी के चुनावी मुकाबले के कारण चर्चा में बनी हुई है। दोनों की टक्कर से यहां मुकाबला बेहद रोचक हो गया है। हालांकि सीट की असल तस्वीर 23 मई को परिणाम सामने आने के बाद ही साफ़ होगी।
73.12 प्रतिशत मतदान का हुआ प्रयोग ( Barmer-Jaisalmer Seat Voting Percentage ) लोकसभा चुनाव 2019 के मतदान के लिए करीब 73.12 प्रतिशत मतदान का प्रयोग हुआ, जो राजस्थान में सर्वाधिक दूसरे नंबर पर रहा। पहले स्थान पर प्रदेश की गंगानगर सीट रही जहां 74.39 प्रतिशत मतदान हुआ।
इन 8 विधानसभा क्षेत्रों से मिलकर बनी है बाड़मेर-जैसलमेर सीट आठ विधानसभा क्षेत्र वाली बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट में ( Assembly in Barmer-Jaisalmer Lok Sabha ) जैसलमेर, शिव, बायतु, बाड़मेर, पचपदरा, सिवाना, गुड़ामालानी, चौहटन वि.स. क्षेत्र शामिल हैं।
आइए एक नजर डालते हैं दोनों प्रत्याशियों के राजनीतिक जीवन पर… मानवेन्द्र सिंह ( manvendra singh ) – मानवेन्द्र सिंह ने लोकसभा का पहला चुनाव भाजपा से 1998 में बाड़मेर से लड़ा। वे कांग्रेस के सोनाराम चौधरी से 32140 वोटों से हारे।
– 2004 में भाजपा ने दुबारा उनको टिकट दिया और रिकार्ड 2 लाख 71888 वोटों से जीते।
– 2009 तीसरी बार भाजपा से मानवेन्द्र को टिकट मिला लेकिन वे कांग्रेस के हरीश चौधरी से हार गए।
– 2004 में भाजपा ने दुबारा उनको टिकट दिया और रिकार्ड 2 लाख 71888 वोटों से जीते।
– 2009 तीसरी बार भाजपा से मानवेन्द्र को टिकट मिला लेकिन वे कांग्रेस के हरीश चौधरी से हार गए।
कैलाश चौधरी ( kailash choudhary ) – कैलाश चौधरी पूर्व विधायक रह चुके है।
– चौधरी मौजूदा किसान मोर्चा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष है।
– 2018 के विधानसभा चुनावों में बायतु से विधायक का चुनाव लड़े लेकिन तीसरे स्थान पर रहे थे।
– चौधरी मौजूदा किसान मोर्चा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष है।
– 2018 के विधानसभा चुनावों में बायतु से विधायक का चुनाव लड़े लेकिन तीसरे स्थान पर रहे थे।