आजादी के इतने सालों बाद यह स्थित होने के बावजूद डिस्कॉम को अभी भी इंतजार है तो सिर्फ एक योजना का जिससे इन ढाणियों को रोशन किया जा सके। एेसा ही उदाहरण पादरू में है जहां जीएसएस के पास बसे होने के बावजूद कई परिवार रोशनी के इंतजार में है। पादरू ग्राम पंचायत सिवाना क्षेत्र की बड़ी ग्राम पंचायतों में से एक है।
गांव में तो बिजली, पानी, सडक़ की सुविधाएं हैं, लेकिन आसपास की ढाणियां इससे वंचित है। बिजली की बात की जाए तो पादरू के जीएसएस के पीछे बसी कई ढाणियों में घरेलू बिजली कनेक्शन नहीं होने से लोग अंधेरे में जीवन यापन करने को मजबूर है।
उपभोक्ता देवाराम, लालाराम, निंबाराम, भेराराम, नेनाराम, वशनाराम, बालाराम, सवाराम, हरसनराम देवासी ने बताया कि गांव के बायपास तांडा रोड पर आबाद दर्जनभर ढाणियां घरेलू विद्युत कनेक्शन से वंचित है। गौरतलब है कि दीनदयाल ग्रामीण कुटीर विद्युतीकरण योजना के तहत प्रदेश की हजारों ढाणियों को रोशनी से जोड़ा गया लेकिन पादरू की ये ढाणियां अभी भी वचित है।
डिस्कॉम के अनुसार अब कोई नई योजना आएगी तो इन ढाणियों को जोड़ा जाएगा। वहीं, विभागीय कार्यशैली पर भी सवालिया निशान है कि आखिर ये ढाणियां रोशनी के इतना पास होते हुए भी दूर कैसे रह गई।
बच्चे चिमनी की रोशनी में पढ़ रहे- ग्रामीणों के अनुसार कई ढाणियों में विद्युत कनेक्शन नहीं होने से गरीब किसानों के बेटे-बेटियां आज भी चिमनी, मिट्टी के दीपक की रोशनी से पढ़ रहे हैं।
हमें कोई योजना का लाभ नहीं मिला। विद्युत कनेक्शन का इंतजार है। बच्चे चिमनी से पढ़ते हैं। अंधेरे मे जीवन यापन कर रहे हैं।- – जोगाराम देवासी एक वर्ष पूर्व कई गांवों मे दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत बिजली कनेक्शन दिए, लेकिन हमें वंचित रखा गया। – बीजलाराम
सरकारी दावे खोखले हैं। हमारे यहां कई ढाणियां अभी भी विद्युतीकरण से वंचित है। अभी भी चिमनी की रोशनी में रहने को मजबूर हैं।- निम्बाराम देवासी, पंऊ दीनदयाल उपाध्याय बिजली कनेक्शन की योजना भी अब तो बंद हो गई है। कोई नई योजना आएगी तब कनेक्शन होंगे।– भुपेंद्रसिंह राजपुरोहित एईएन ,पादरू
पूर्व में सौभाग्य योजना व दीन दयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत कनेक्शन हो रहे थे, जिसका टाइम पीरियड पूरा हो गया। अब हमने केंद्र को फाइल भेज रखी है, आदेश आएगा तब फिर से वंचित लोगों को कनेक्शन दिए जाएंगे। – डॉ संजय वाजपेयी , अधीक्षण अभियंता सीएसएस, जोधपुर