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प्रदेश में यहां चल रहा जिला बनाने के लिए बड़ा जन आंदोलन

locationबाड़मेरPublished: Jan 19, 2022 06:48:46 pm

Submitted by:

Ratan Singh Dave

प्रदेश के बालोतरा को जिला बनाने के लिए अब बड़ा जन आंदोलन चल पड़ा है। यहां गांव-गांव में पोस्टकार्ड और हस्ताक्षर अभियान के जरिए लोगों की आवाज बन रह बालोतरा बनाओ अभियान पत्रिका के साथ लोग जीने लगे है

प्रदेश में यहां चल रहा जिला बनाने के लिए बड़ा जन आंदोलन

प्रदेश में यहां चल रहा जिला बनाने के लिए बड़ा जन आंदोलन

प्रदेश में यहां चल रहा जिला बनाने के लिए कर रहा बड़ा जन आंदोलन
बाड़मेर पत्रिका.
प्रदेश के बालोतरा को जिला बनाने के लिए अब बड़ा जन आंदोलन चल पड़ा है। यहां गांव-गांव में पोस्टकार्ड और हस्ताक्षर अभियान के जरिए लोगों की आवाज बन रह बालोतरा बनाओ अभियान पत्रिका के साथ लोग जीने लगे है। लोग इस बजट सत्र में बालोतरा को जिला बनाने के लिए सरकार व जनप्रतिनिधियों पर लगातार दबाव बनाए हुए है।
प्रदेश में चौदह साल पहले 28 जनवरी 2008 को प्रतापगढ़ का गठन हुआ था,इसके बाद से नया जिला नहीं बना है। 14 साल में प्रदेश की आर्थिक प्रगति, आबादी और राजस्व ढांचे का विस्तार हुआ है लेकिन जिलों की मांग को सरकार स्वीकार नहीं कर रही है। इसके लिए गठित आईएएस परमेश्वर समिति की सिफारिशें लागू नहीं की गई है।
राज्य में जिलों के गठन को लेकर मांग लंबे समय से है। 2018 में आईएएस परमेश्वर समिति का गठन कर नए जिलों को लेकर विचार प्रारंभ हुआ। कमेटी के सामने 24 जिलों से करीब पचास जगह की मांग आ गई और इसको लेकर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी।
जिले बनाने की थी तैयारी
परमेश्वर कमेटी की रिपोर्ट बाद जिले बनाने की तैयारियां तात्कालीन राज्य सरकार ने की थी और मुख्यमंत्री के जालौर के एक कार्यक्रम में बालोतरा को जिला घोषित करने की उम्मीदें तो इतने परवान पर थी कि पचपदरा के उस समय के विधायक अमराराम चौधरी की ओर से खुशियां मनाने की तैयारियां की गई थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
मौजूदा सरकार ने नकारा
मौजूदा सरकार से विधानसभा में इसको लेकर सवाल किया गया तो यह कहकर खारिज कर दिया था कि परमेश्वर समिति की सिफारिश में केवल अध्यक्ष परमेश्वर के ही दस्तखत है, समिति के शेष सदस्यों के नहीं है। इसलिए इसको लागू नहीं किया जा सकता है।
यहां की मांग- बाड़मेर में बालोतरा, जयपुर में सांभरलेक, शाहपुरा, फुलेरा, कोटपुतली, जोधपुर में फलौदी, अजमेर से ब्यावर, केकड़ी, मदनगंज-किशनगढ़ जिले की दावेदारी कर रहे हैं। उदयपुर से सलूंबर, खैरवाड़ा, सराड़ा, अलवर से बहरोड़, खैरथल, भिवाड़ी, नीमराना, पाली से बाली, सुमेरपुर, फालना, श्रीगंगानर के अनूपगढ़, सूरतगढ़, घड़साना, श्रीविजयनगर, चूरू से सुजानगढ़, रतनगढ़ ,नागौर के डीडवाना, कुचामन सिटी, मकराना, मेड़ता सिटी, सीकर से नीमकाथाना, फतेहपुर शेखावाटी, श्रीमाधोपुर, भरतपुर से डीग, बयाना, कामां, सवाईमाधोपुर से गंगापुरसिटी, जैसलमेर से पोकरण, बारां से छबड़ा, करौली से हिंडौनसिटी, हनुमानगढ़ से नोहर,भादरा, बीकानेर से नोखा, भीलवाड़ा से शाहपुरा, झालावाड़ से भवानीमंडी, जालोर से भीनमाल, चित्तौडग़ढ़ से रावतभाटा और कोटा के रामगंजमंडी की मांग की गई थी।
बालोतरा अब बड़ी मांग
बालोतरा की अब बड़ी मांग बनने की वजह रिफाइनरी, ओद्यौगिक हब और बड़ा निवेश है जो लगातार यहां हो रहा है।

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