सरकारी कार्यालयों में इसके सेवन पर प्रतिबंध लगाया गया। लेकिन जिला मुख्यालय स्थित सरकारी कार्यालयों की दीवारंे व कोने गुटखे की पीक से रंग गए हंै। इसके बाद भी जिम्मेदार इसके प्रति गंभीर नजर नहीं आते। ना ही कोटपा एक्ट के तहत कोई कार्रवाई होती है। पत्रिका टीम ने गुरुवार को जिला मुख्यालय स्थित कई सरकारी कार्यालयों का निरीक्षण किया तो अधिकांश कार्यालयों की दीवारें पीक से रंगी नजर आईं।
यहां पर देखे हालात जिला कलक्टर कार्यालय स्थित रसद विभाग कार्यालय की सीढिय़ों की दीवारें व दरवाजे के पीछे हालात बुरे मिले। गार्ड रूम के पास दरवाजे के दोनों और दीवारें पीक से सनी थीं। तहसीलदार कार्यालय में ऑफिस कानूनगो सहित आसपास के परिसर व अल्पसंख्यक विभाग, भूमि अवाप्ति कार्यालय सहित कई कार्यालयों में दीवारे गंदी नजर आईं।
फिर कैसे देंगे स्वच्छता का संदेश सरकार की ओर से स्वच्छता के नाम पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता नजर नहीं आती। कार्यालयों में कार्मिकों या अन्य लोगों की ओर से गुटखा खाने के बाद दीवारों पर पीक थूकने से दीवारें गंदी हो गई हैं। ऐसे में अन्य लोगों को स्वच्छता का संदेश कैसे देंगे।
मॉनिटरिंग का अभाव सरकारी कार्यालयों में दीवारें गुटखे की पीक से रंगने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। ऐसे में दीवारें और ज्यादा गंदी हो रही हैं।