गिड़ा क्षेत्र के मलवा गोलियान का निवासी राजूराम मजदूरी के लिए पंजाब जाता था और यहां से साल दो साल बाद ही लौटता था। करीब पांच साल पहले वह गया तो आया नहीं। दो साल बाद परिजनों को चिंता हुई और अता-पता किया लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसके बाद ये पुलिस थाना गिड़ा पहुंचे और यहां पर जाकर प्राथमिकी दर्ज करवाना चाहा। पुलिस ने इनको आज-कल और तलाश करो के जवाब देती रही। गरीब परिवार के सदस्य और किसी तरह की एप्रोच नहीं होने से उनका सुना अनसुना का करने का यह सिलसिला चलता रहा। मामला दर्ज करवाने हर बार गुमशुदा राजूराम का भाई जाता था और उसके साथ उसका बेटा नरसाराम भी। नरसाराम को इस बात की तकलीफ रही कि उसके पिता की गुमशुदगी दर्ज क्यों नहीं हो रही? घर आने पर उसकी बूढी दादी और उसकी मां पूछती क्या हुआ तो कोई जवाब नहीं था। ढाई साल से थका हारा नरसाराम गिड़ा से मंगलवार को जिला पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचा और गुमशुदगी दर्ज नहीं होने की जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक ने इसको लेकर तुरंत ही गिड़ा थानाधिकारी को निर्देश दिए और इस पर मंगलवार को मामला दर्ज किया गया।
मां को है बेटे का इंतजार- राजूराम की मां को पांच साल से अपने बेटे का इंतजार है। वह हर रोज राजू-राजू कहकर आंखों के आंसू नहीं थाम पा रही है। वह पोते से रोज पूछती है कि राजू आया क्या? वह कब आएगा? एेसा कहां चला गया है?
मामला दर्ज होता तो आज क्या पता घर होते- पुलिस ने मामला ही दर्ज नहीं किया। ढाई साल हो गए है पुलिस थाने जाते-जाते। आजकल कहकर रवाना किया गया। पुलिस अधीक्षक से मिले तो आज मामला दर्ज किया है। पहले किया होता तो शायद मिल जाते।- नरसाराम, गुमशुदा राजूराम का पुत्र
आज मामला दर्ज किया है- पुराना मामला है। आज दर्ज किया है। पहले कभी आए तो अर्जी नहीं दी। यूं ही बात की होगी। अभी मामला दर्ज किया है और जांच करेंगे।– गुमनाराम, थानाधिकारी गिड़ा