बाड़मेर

यहां 200 मीटर में फूल जाती है नवजात की सांसें…

सुविधा कम, दुविधा ज्यादा :- एमसीएच यूनिट में नवजात के इलाज की राह कठिन, नेबुलाइजर व इंजेक्शन के लिए करती पड़ती है भाग-दौड़

बाड़मेरFeb 28, 2017 / 12:07 pm

भवानी सिंह

Barmer

एमसीएच यूनिट में इलाज के लिए आने वाले नवजात व शिशुओं के लिए सांस में तकलीफ होने पर नेबुलाइजर व इंजेक्शन की सुविधा आफत बन गई है। बीमारी की हालत में जहां बच्चे बेहाल नजर आते हैं वहीं परिजनों को चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने के लिए पसीना बहाना पड़ रहा है। बच्चों व परिजनों की परेशानियों को लेकर चिकित्सालय प्रबंधन लापरवाह नजर आ रहा है।
सरकार ने शिशुओं को बेहतर व उच्च चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने के लिहाज से राजकीय चिकित्सालय परिसर में मातृ एवं शिशु चिकित्सा यूनिट का पृथक निर्माण करवाया है। यूनिट शुरू होने के महीनों बाद भी आउटडोर में आने वाले नवजात व शिशुओं के लिए सुविधाएं उपलब्ध नहीं है।
नेबुलाइजर आपातकालीन वार्ड में

नवजात व शिशुओं में सांस की तकलीफ अधिक होने पर नेबुलाइजिंग किया जाता है। यूनिट के आउटडोर में महज दो हजार में आने वाली मशीन की उपलब्धता नहीं होने से बच्चों के परिजनों को दो सौ मीटर दूर राजकीय चिकित्सालय के आपातकालीन वार्ड जाना पड़ता है। जहां पर बच्चों को नेबुलाइजर की सुविधा मिलती है।
इलाज यहां, इजेक्शन वहां

मातृ एवं शिशु चिकित्सालय के आउटडोर में इंजेक्शन की सुविधा भी नहीं है। पीडि़तों को राजकीय चिकित्सालय के इंजेक् शन कक्ष में जाना पड़ता है। बीमार बच्चों व उनके परिजनों के लिए यह 200 मीटर की राह कठिन साबित हो रही है। कई बार बच्चों व परिजनों को इंजेक्शन लगवाने के लिए शाम चार बजे तक इंतजार करना पड़ता है।
इनडोर टिकट के लिए लम्बी दौड़

आपातकालीन परिस्थितियों में शिशु चिकित्सालय में आने वाले शिशुओं को इनडोर टिकट बनाने के लिए भी राजकीय चिकित्सालय में जाना पड़ता है। कई बार ग्रामीण अंचल से आए मरीज के परिजनों को चिकित्सालय में इनडोर रजिस्ट्रेशन कक्ष को तलाशने व टिकट बनाकर वापस आने में एक घंटे का समय लग जाता है।
सभी सुविधाएं मिले

एमसीएच यूनिट में बच्चों के उपचार के लिए सभी तरह की सुविधाएं होनी चाहिए। बार-बार राजकीय चिकित्सालय जाना भारी पड़ता है।-मोतीसिंह, गेंहू

इंतजार बढ़ाता है तकनीफ

मातृ-शिशु चिकित्सालय में बच्चों के इंजेक्शन की सुविधा मुहैया हो। बीमार बच्चों को यहां पर भीड़-भाड़ वाले इंजेक्शन कक्ष में काफी इंतजार करना पड़ता है।-शहीदा, निम्बासर
भाग दौड़ है भारी

मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में जांच के अलावा बच्चों के इलाज की सुविधा नहीं है। बीमार बच्चे को लेकर दोनों चिकित्सालयों के बीच भाग दौड़ भारी पड़ रही है।- यशोदा, महावीर नगर
एक ही स्थान पर हो सुविधाएं

सभी चिकित्सालयों में एक ही स्थान पर इंजेक्शन कक्ष सहित सभी सुविधाएं होती है। फिर भी समस्या को लेकर प्रमुख चिकित्साधिकारी से बात की जाएगी।- डॉ. हरीश चौहान, प्रभारी शिशु चिकित्सालय

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