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‘विशेष’ का नहीं फायदा, सामान्य के साथ ‘शिक्षा’, कैसे आगे बढे़ विशेष ‘योग्यजन’

locationबाड़मेरPublished: Nov 12, 2021 01:11:54 am

Submitted by:

Dilip dave

– जिले में कई विद्यालयों में अध्ययनरत विशेष योग्यजन बच्चे, नहीं विशेष शिक्षक का पद

‘विशेष’ का नहीं फायदा, सामान्य के साथ ‘शिक्षा’, कैसे आगे बढे़ विशेष ‘योग्यजन’

‘विशेष’ का नहीं फायदा, सामान्य के साथ ‘शिक्षा’, कैसे आगे बढे़ विशेष ‘योग्यजन’

दिलीप दवे बाड़मेर. विशेष योग्यजन बच्चों को भले ही विशेष शिक्षक पढ़ाने का आदेश है लेकिन जिले में अधिकांश स्कू लों विशेष शिक्षक ही नहीं है। एेसे में ये बच्चे सामान्य बच्चोंं के साथ अध्ययन कर रहे हैं जिस पर सामान्य बच्चों के साथ पढक़र कितना सीख पा रहे हैं, यह आसानी से समझा जा सकता है। स्थिति यह है कि जिले में ३०९९ विशेष योग्यजन बच्चे (चाइल्ड विथ स्पेशल नीड ) हैं जबकि शिक्षक मात्र चौंतीस ही है।
वहीं, जिले में पद स्वीकृत ५१ ही है जबकि नियमों के अनुसार कम से छह सौ विशेष योग्यजन शिक्षकों की नियुक्ति होनी चाहिए। जिले के सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत विशेष योग्यजन बच्चों को विशेष शिक्षकों का इंतजार है। तृतीय श्रेणी शिक्षकों के पद स्वीकृत नहीं है तो वरिष्ठ विशेष शिक्षकों की भर्ती अटकी हुई है जिसके चलते इन बच्चों को गुरुजी का इंतजार है। गौरतलब है कि राइट टू एजुकेशन 2009 और इंडियन रिहैबिलिटेशन काउंसिल के नियमों के तहत 8 दिव्यांग बच्चों पर 1 स्पेशल टीचर की नियुक्ति जरूरी है। दूसरी तरफ राजस्थान के शिक्षा विभाग की गाइडलाइंस के मुताबिक 5 दिव्यांग बच्चों पर 1 स्पेशल टीचर की नियुक्ति जरूरी है। एेसे में तीन हजार बच्चों पर प्रदेश सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कम से कम छह सौ विशेष शिक्षक होने चाहिए। जिले में प्राथमिक शिक्षा के विद्यालयों में १३९५ व माध्यमिक शिक्षा में १७०४ विशेष योग्यजन बच्चे अध्ययनरत हैं। जबकि पद स्वीकृत मात्र ५१ है जिसमें से २६ विशेष शिक्षक सरकारी नियुक्ति से और ०८ प्लेसमेंट एजेंसी के मार्फत लगे हुए हैं।
सामान्य शिक्षकों का पढ़ाना कानूनन गलत– दिव्यांग बच्चों की एजुकेशन की स्थिति सुधारने के लिए आरटीई 2009 और आरपीडब्ल्यूडी एक्ट 2016 के निर्देशों के मुताबिक स्पेशल टीचर की अनिवार्य तौर पर नियुक्ति की जाए। वहीं भारतीय पुनर्वास परिषद के नियमों के तहत सामान्य टीचर्स से दिव्यांग बच्चों को पढ़वाना कानूनन गलत है। इधर, सुप्रीम कोर्ट ने भी सभी राज्यो से विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों के लिए विशेष शिक्षकों की आवश्यकता व नियुक्ति को लेकर रिपोर्ट मांगी है।
शिक्षकों की नियुक्ति करे सरकार- विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए विशेष शिक्षकों के पद सृजित करके, विशेष शिक्षकों की नियुक्ति की जाए जिससे उनको फायदा मिल सके। साथ ही सभी प्रकार की योजनाओं का फायदा भी उनको मिले। – बसंत कुमार जाणी, जिलाध्यक्ष, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ, रेस्टा
3099 बच्चे चिह्नित- जिले में विशेष योग्यजन बच्चे ३०९९ इस वर्ष चिह्नित किए गए हैं। ५१ विशेष शिक्षकों के पद स्वीकृत है जिसके मुकाबले २६ शिक्षक नियुक्त है।– जयप्रकाश व्यास, सहायक परियोजना समन्वयक, समग्र शिक्षा बाड़मेर
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