बाड़मेर. सरकारी स्कूलों की सूरत बदलने के नाम पर प्रदेश में पिछले कुछ माह से थोक में शिक्षकों के तबादले जरूर हुए, लेकिन बुनियादी जरूरतों को लेकर बजट जारी नहीं हो पाया। ऐेसे में 1 अप्रेल से अब तक सरकारी विद्यालय चॉक, डस्टर, साबुन जैसी चीजों को तरस रहे हैं। गौरतलब है कि विद्यालयों में नामांकन के आधार पर कम्पोजिट स्कूल गं्राट राशि (सीएसजी) सरकार जारी करता है, जिससे विद्यालय हर छोटी-मोटी जरूरत पूरा करता है। जिले के 4657 और प्रदेश के करीब 75 हजार विद्यालयों को बजट का सात माह बाद भी इंतजार है।
शिक्षा में सुधार की बात कहने वाली सरकार राजकीय विद्यालयों को लेकर कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले सात माह से विद्यालय चॉक-डस्टर खरीदने को तरस रहे हैं। इसका कारण है प्रदेश के सरकारी विद्यालयों को अब तक कम्पोजिट स्कूल गं्राट राशि (सीएसजी) नहीं मिली है। इस राशि से स्कूलों में पाठ्यसामग्री क्रय, साफ-सफाई, खेलकूद आयोजन आदि होते हैं। यह राशि नियमानुसार 1 अप्रेल को जारी होना चाहिए, जो सत्र समाप्ति तक विद्यालय के काम आती है। जिससे विद्यालय प्रबंधन जरूरत के अनुसार सामग्री खरीदता है। इस बजट का दस फीसदी हिस्सा स्वच्छता पर खर्च होता है, जिसमें टायलेट की साफ-सफाई, पानी का प्रबंध, हाथ धोने के साबुन की व्यवस्था आदि शामिल हैं।
शिक्षा में सुधार की बात कहने वाली सरकार राजकीय विद्यालयों को लेकर कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले सात माह से विद्यालय चॉक-डस्टर खरीदने को तरस रहे हैं। इसका कारण है प्रदेश के सरकारी विद्यालयों को अब तक कम्पोजिट स्कूल गं्राट राशि (सीएसजी) नहीं मिली है। इस राशि से स्कूलों में पाठ्यसामग्री क्रय, साफ-सफाई, खेलकूद आयोजन आदि होते हैं। यह राशि नियमानुसार 1 अप्रेल को जारी होना चाहिए, जो सत्र समाप्ति तक विद्यालय के काम आती है। जिससे विद्यालय प्रबंधन जरूरत के अनुसार सामग्री खरीदता है। इस बजट का दस फीसदी हिस्सा स्वच्छता पर खर्च होता है, जिसमें टायलेट की साफ-सफाई, पानी का प्रबंध, हाथ धोने के साबुन की व्यवस्था आदि शामिल हैं।
खेलकूद की भी उपेक्षा
– सरकारी विद्यालयों को आवंटित राशि में से खेलकूद प्रतियोगिताओं के दौरान भी राशि खर्च करने का प्रावधान है तो दरी पट्टी सहित अन्य सामग्री पर भी खर्च आता है। वित्तीय प्रावधान
नामांकन – राशि
– सरकारी विद्यालयों को आवंटित राशि में से खेलकूद प्रतियोगिताओं के दौरान भी राशि खर्च करने का प्रावधान है तो दरी पट्टी सहित अन्य सामग्री पर भी खर्च आता है। वित्तीय प्रावधान
नामांकन – राशि
1 से 15 – 12500
16 से 100- 25000 101 से 250- 50000
251 से 1000- 75000 1000 से अधिक- 100000
(नोट- उपरोक्त राशि में दस फीसदी स्वच्छता की राशि शामिल) …………………………………………
इन मदों पर होता है राशि का उपयोग
16 से 100- 25000 101 से 250- 50000
251 से 1000- 75000 1000 से अधिक- 100000
(नोट- उपरोक्त राशि में दस फीसदी स्वच्छता की राशि शामिल) …………………………………………
इन मदों पर होता है राशि का उपयोग
विद्यालय में अक्रियाशील उपकरणों के प्रतिस्थापन पर
दरी पट्टी व दरी की खरीद श्यामपट्ट मरम्मत एवं रंग-रोगन
ग्रीन बोर्ड, आदमकद दर्पण चॉक, डस्टर खरीद
परीक्षा संबंधी स्टेशनरी पेयजल व्यवस्था, विद्युत व्यय
एक दैनिक समाचार पत्र खरीद
दरी पट्टी व दरी की खरीद श्यामपट्ट मरम्मत एवं रंग-रोगन
ग्रीन बोर्ड, आदमकद दर्पण चॉक, डस्टर खरीद
परीक्षा संबंधी स्टेशनरी पेयजल व्यवस्था, विद्युत व्यय
एक दैनिक समाचार पत्र खरीद
विज्ञान, गणित किट, सामग्री के प्रतिस्थापन पर व्यय
विज्ञान व गणित विषय के ई-कन्टेंट क्रय, कल्प लैब स्थापना
खेल सामग्री, उपलब्धि प्रमाणपत्र पत्र मुद्रण अग्निशमन यंत्र के सिलेंडर में गैस की व्यवस्था
शाला स्वास्थ्य कार्यक्रम में रैफर किए विद्यार्थियों को अस्पताल ले जाने का किराया
विज्ञान व गणित विषय के ई-कन्टेंट क्रय, कल्प लैब स्थापना
खेल सामग्री, उपलब्धि प्रमाणपत्र पत्र मुद्रण अग्निशमन यंत्र के सिलेंडर में गैस की व्यवस्था
शाला स्वास्थ्य कार्यक्रम में रैफर किए विद्यार्थियों को अस्पताल ले जाने का किराया
प्रयोगशाला संबंधी उपकरणों के रखरखाव एवं मरम्मत, इंटरनेट संबंधी कार्य
वार्षिक मरम्मत व देखरेख टायलेट का रख-रखाव
शिक्षण अधिगम सामग्री में उपयोग ………………………………………….
सरकार करें राशि जारी सात माह से राशि जारी नहीं करने पर विद्यालय प्रबंधन को परेशानी हो रही है। सरकार जल्द राशि का आवंटन करें।
– घमंडाराम कड़वासरा, जिला मंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ प्राथमिक एवं माध्यमिक
वार्षिक मरम्मत व देखरेख टायलेट का रख-रखाव
शिक्षण अधिगम सामग्री में उपयोग ………………………………………….
सरकार करें राशि जारी सात माह से राशि जारी नहीं करने पर विद्यालय प्रबंधन को परेशानी हो रही है। सरकार जल्द राशि का आवंटन करें।
– घमंडाराम कड़वासरा, जिला मंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ प्राथमिक एवं माध्यमिक