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विद्यालयों में नहीं शिक्षक, चिमनी की रोशनी में पढाई

locationबाड़मेरPublished: Dec 17, 2018 09:43:42 am

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No teachers in schools, studying fireplace lights

No teachers in schools, studying fireplace lights

अनदेखी : रामसर क्षेत्र के कई गांवों में नहीं मूलभूत सुविधाएं
विद्यालयों में नहीं शिक्षक, चिमनी की रोशनी में पढाई
रामसर . क्षेत्र के कई घर व ढाणियां आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। विभिन्न योजनाओं के बावजूद इन घरों में अब तक कोई सुविधा नहीं हो पाई है।
ग्राम पंचायत सेतराऊ के राजस्व गांव भानपुरा सहित कई ढाणियां ऐसी है जहां लोग सामान्य सुविधाओं के भी मौहताज हैं। बाशिंदों को पानी, बिजली, शिक्षा, चिकित्सा जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सूखा जीएलआर : गांव हमेशा पेयजल की किल्लत रहती है। यहंा 20 जीएलआर बने हुए हैं, लेकिन कई वर्षों से सूखे पड़े हैं। जब ये बने थे तब पाइप लाइन बिछाकर के 1 दिन पानी की आपूर्ति हुई। इसके बाद पेयजल सुविधा उपलब्ध नहीं हुई।
ढाणियां अंधेरे में चिमनी की रोशनी में पढ़ाई को मजबूर मासूम : गांव के सियागों की ढाणी, जाखड़ों की ढाणी, भीखसिंह की ढाणी, पूनमाणियों की ढाणी, गोरखानियों की ढाणी में अभी भी बिजली से नहीं जुड़े हैं। यहां के बाशिंदों को चिमनियों की रोशनी में काम करना पड़ता है। वहीं मासूमों की पढाई भी इसी रोशनी में होती है।
विद्यालय बंद होने
के कगार पर
गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय में अध्यापकों की कमी है। यहां मात्र एक अध्यापक ही कार्यरत है। इस कारण नामांकन बहुत कम है। अध्यापकों की कमी के कारण लोग अपने बच्चों को अन्य विद्यालयों में प्रवेश दिला रहे हैं।
स्वास्थ्य केंद्र की दरकार : गांव में एक हजार की आबादी से ज्यादा लोग रहते हैं, लेकिन यहां स्वास्थ्य केंद्र का अभाव है। छोटा-मोटा इलाज करवाने के लिए बाशिंदों को रामसर, बाड़मेर जाना पड़ रहा है।
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