वर्षों से निस्तारण के अभाव में एकत्रित कबाड़, अनुपयोगी वाहन, पुराना रिकॉर्ड, सरप्लस सामान के कारण साफ – सफ ाई एवं जगह की समस्या आ रही है। वहीं मरीजों एवं चिकित्साकर्मियों को भी असुविधा हो रही है।
विभाग के विशिष्ट शासन सचिव एवं मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. समित शर्मा ने बताया कि अवधि पार, अनुपयोगी एवं खराब दवाओं के निस्तारण के सम्बन्ध में 2013 में एक नीति जारी की गई थी।
इसके अनुसार टूटी फ ूटी, खराब, अनुपयोगी एवं अवधिपार दवाओं के निस्तारण की प्रक्रिया तय की गई थी। उन्होंने बताया कि तमाम प्रयासों के बावजूद अपरिहार्य परिस्थितियों मेंं कई बार जिला ड्रग वेयर हाउस पर अवधि पार, खराब दवाइयों का निस्तारण जरूरी हो जाता है।
इसके लिए जिला ड्रग स्टोर प्रभारी, ड्रग कन्ट्रोल ऑफि सर एवं इंटरनल ऑडिटर की एक कमेटी बनाई जाती है। यह कमेटी इन दवाओं के अनुपयोगी होने के कारणों का परीक्षण करेगी। कमेटी उस वित्तीय वर्ष में ड्रग स्टोर को कुल प्राप्त एवं स्टोर दवाइयों के मूल्य के केवल 0.5 प्रतिशत मूल्य की दवाओं का ही निस्तारण कर सकती है।
कमेटी में विस्तृत चर्चा के बाद कमेटी निस्तारण योग्य दवाओं के पूर्ण कोड, मात्रा, बैच नम्बर, निर्माण दिनांक, एक्सपायरी दिनांक, निर्माता के नाम के साथ इसकी जानकारी इ-औषधि सॉफ्टवेयर पर भी देनी होगी। डॉ शर्मा ने बताया कि दवाओं का निस्तारण इनके सुरक्षित निस्तारण की गाइडलाइन के अनुसार किया जाएगा।