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अभी तो जेब खाली, मानदेय मिले तो मनाएं दिवाली

locationबाड़मेरPublished: Oct 21, 2019 10:03:28 pm

Submitted by:

Dilip dave

– कुक कम हेल्पर को सात माह से नहीं मिला मानदेय
– फैक्ट फाइल- जिले में विद्यालयों की तादाद – 4657-कुक कम हेल्पर-लगभग आठ हजार , मानदेय राशि – 1320

अभी तो जेब खाली, मानदेय मिले तो मनाएं दिवाली

अभी तो जेब खाली, मानदेय मिले तो मनाएं दिवाली

बाड़मेर. शिक्षण सस्थाओं में मिड-डे-मिल पोषाहार पकाने वाली महिलाएं सात माह से मानदेय को तरस रही है। पिछले सात माह से खाली जेब सरकारी रसोड़ा चलाने वाली महिलाओं की दिवाली मानदेय पर निर्भर करेगी। समय पर मानदेय मिल गया तो इनके घरों में दीप जलेंगे नहीं तो काली दिवाली मनेगी।
प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत पहली से आठवीं के विद्यार्थियों को पोषाहार मिलता है। इसमें हर विद्यालय में कम से कम एक महिला कुक कम हेल्पर लगी हुई है। हर माह पोषाहार पकाने की एवज में 1320 रुपए का तय मानदेय मिलता है। इस मानदेय से अधिकांश घरों में खुशियां आती हैं, लेकिन सात माह से मानदेय का इंतजार चल रहा है। मार्च 2019 के बाद से अब तक जिले में कुक कम हेल्पर को मानदेय नहीं मिला है। एेसे में अब तक तो इंतजार कर रही थी, लेकिन अब दीपावली पर्व पर उनको उम्मीद है कि सरकार उनकी सुध लेगी और मानदेय का भुगतान करेगी।
मिड डे मील का भुगतान, मानदेय का नहीं

प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में पकने वाले पोषाहार की सामग्री मद का भुगतान तो अब तक हो चुका है। हाल ही में सरकार ने राशि जारी की है। वहीं, कुक कम हेल्पर का मानदेय सरकार ने जारी नहीं किया। इस पर महिलाएं सात माह से मानदेय का इंतजार कर रही है।
कार्मिकों का मिलता बोनस- सरकार कार्मिकों को तय मानदंड के अनुसार दीपावली से पूर्व बोनस मिलता है, जिससे कि वे अपने परिवार के लिए खरीदारी कर सकें। दूसरी ओर कुक कम हेल्पर को मानदेय भी समय पर नहीं दिया जा रहा है।
अधिकांश महिलाए जरूरतमंद- कुक कम हेल्पर महिलाएं वे हैं, जो बेहद जरूरतमंद हैं। गरीब तबके की होने से इनके लिए नाममात्र का मानदेय भी काफी मायने रखता है। लम्बे समय तक मानदेय नहीं आने से घर का चूल्हा-चौका चलाने में दिक्कत भी आ रही है।
यह है नियुक्ति का मापदंड- जिस विद्यालय में पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों की तादाद साठ तक है, वहां एक कुक कम हेल्पर की नियुक्ति होती है। साठ से सौ के बीच दो और उससे अधिक होने पर तीन को लगाया जाता है।
दिवाली से पहले हो भुगतान- कम मानदेय पर काम करने वाली कुक कम हेल्पर को सात माह से मानदेय नहीं मिल रहा। एेसे में घर चलाना मुश्किल हो रहा है। सरकार जल्द मानदेय देकर इनके घरों में भी दिवाली की खुशियां लाएं।- घमंडराराम कड़वासरा, जिला मंत्री राजस्थान शिक्षक संघ प्राथमिक एवं माध्यमिक
नहीं मिल रहा मानदेय- कुक कम हेल्पर का मानदेय सात माह से नहीं मिला है। सरकार दीपावली से पहले मानदेय जारी करें। हमने तो डिमांड भेज रखी है।- छगनसिंह लूणू, प्रधानाध्यापक राउप्रावि कुम्हारों की बस्ती, जालीपा

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