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भारत बंद के आह्वान पर बालोतरा सहित क्षेत्र में नहीं खुले प्रतिष्ठान, बंद सफल

locationबाड़मेरPublished: Sep 09, 2018 06:31:17 pm

Submitted by:

Dilip dave

– स्वेच्छा से रखें प्रतिष्ठान बंद
– सिवाना, समदड़ी, मोकलसर, मायलावास, अजीत रहे पूर्ण बंद- राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंप एक्ट में संशोधन करने की मांग

भारत बंद के आह्वान पर बालोतरा सहित क्षेत्र में  नहीं खुले प्रतिष्ठान, बंद सफल

भारत बंद के आह्वान पर बालोतरा सहित क्षेत्र में नहीं खुले प्रतिष्ठान, बंद सफल

बालोतरा.

एसटीएससी एक्ट में संशोधन की मांग को लेकर गुरुवार को बालोतरा, सिवाना, समदड़ी आदि कस्बे बंद रहे। बंद समर्थकों ने जुलूस निकाल प्रशासनिक अधिकारियों को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। बालोतरा में आधे दिन तक बाजार बंद रहा। बंद के दौरान शांति व्यवस्था बनी रही।
एसटीएससी एक्ट में संशोधन करने व कालूड़ी प्रकरण को लेकर सर्व समाज की ओर से गुरुवार को बालोतरा बंद आयोजित किया गया। इसे लेकर छतरियों मोर्चा लूनी नदी बायपास पर बंद समर्थक एकत्रित हुए। यहां आयोजित सभा को ब्राह्मण महासभा के गोपाराम पालीवाल, रामसिंह राजपुरोहित बोथिया, महेन्द्रसिंह नारवा, थानसिंह डोली, अनिल बोराणा, राजू माली, सुनील दवे, अधिवक्ता ओमसिंह राजपुरोहित अजीत, भवानीसिंह राजपुरोहित तिरसिंगड़ी, शंकर लाल प्रजापत मांजीवाला, कस्तूरसिंह कानोडिय़ा, खुमाणसिंह रणवा आदि ने संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने अध्यादेश लाकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश में पुन: संशोधन किया है, वो सही नहीं है। एक आरोप मात्र पर सवर्ण जाति के लोग कानून के शिकार हो रहे हैं। बगैर किसी जांच के उन्हें जेलों में डाला जा रहा है। इससे देश के समस्त सवर्ण समाज के लोगों में रोष है। सरकार वर्ग विशेष को खुश करने के लिए शेष लोगों के हितों की अनदेखी नहीं करें। कालूड़ी में बेकसूर लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज कर फंसाया गया। इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसके बाद एकत्रित लोग हाथों में झण्डे, तख्तियां लिए जुलूस के रूप में नारे लगाते हुए उपखण्ड कार्यालय पहुंचेे। उपखंड कार्यालय के आगे नारे लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया।गिरधारीलाल सिंहा, मंगलसिंह कालूड़ी, श्यामसिंह मेवानगर, शिवसेना प्रदेश सचिव जबरसिंह सोढ़ा, गोविंदसिंह कालूड़ी, मुल्तानसिंह डोली, भैरूलाल जाट आदि ने उपखंड अधिकारी अनिल मेहला को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इसमें एससीएसटी एक्ट में संशोधन करने की मांग की। कालूड़ी प्रकरण में पूर्ण अनुसंधान हुए बगैर किसी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करने की मांग की। दोपहर तक प्रतिष्ठान बंद रहे, इसके बाद दुकानदारों ने दुकानें खोली।
मायलावास.एससीएसटी एक्ट में संशोधन की मांग को लेकर गुरुवार को भारत बंद के आह्वान पर मायलावास, मोकलसर के बाजार बंद रहे। सुबह नौ बजे व्यापारी गांव के चौहटे पर एकत्रित हुए। इसके बाद वाहनों से सिवाना पहुंचे। यहां उपखण्ड अधिकारी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। शाति व्यवस्था को लेकर पुलिस तैनात रही।
सिवाना. अनुजाति, अन जनजाति एक्ट में संशोधन करने की मांग को लेकर गुरुवार को देशव्यापी बन्द के आह्वान पर सिवाना कस्बा बंद रहा। कस्बा पादरू व गांवों के बाजार भी बंद रहे। सिवाना में व्यापारियों ने स्वत: प्रतिष्ठान बंद रखे। शांति व्यवस्था के लिए पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता तैनात रहा। रामदेवरा मंदिर में आयोजित बैठक में सिवाना, मोकलसर के व्यापारियों, विभिन्न समाजों, संगठनों के लोगों, पदाधिकारियों ने भाग लिया। साढ़े बारह बजे सभी मौन जुलूस के रूप में रवाना हुए। मुख्य मार्गों से होते हुए तहसील कार्यालय पहुंचे। राष्ट्रपति के नाम उपखण्ड अधिकारी अंजुम ताहिर शमा को ज्ञापन सौंपा। इसके केंद्र सरकार की ओर से अनुसूचित जाति, अनु जनजाति एक्ट में किए गए संशोधन का विरोध किया। संशोधन को रद्द करने की मांग की। इस मौके पर सिवाना व्यापारी एसोसिएशन अध्यक्ष झनकारमल चोपड़ा, मोकलसर अध्यक्ष पोकरराम प्रजापत, सुजाराम भाटी, जेठूसिंह वालू, भभूताराम देवासी, घनश्याम सोनी, माणकचन्द सांखला, मालमसिंह मिठौड़ा, सुरेंद्रसिंह पादरली, केसरसिंह राठौड़, गौतम शर्मा मौजूद थे।निप्र
समदड़ी.
केंद्र सरकार के एससीएसटी एक्ट में किए गए संशोधन के खिलाफ सवर्ण समाज की ओर से गुरुवार को आयोजित भारत बंद को लेकर समदड़ी बंद सफल रहा। व्यापारियों ने स्वेच्छा से प्रतिष्ठान बंद रखे। बावड़ी चौक से सभी सामाजिक संगठनों ने एक्ट के विरोध में जुलूस निकाला। इसमें बैनर व तख्तियां लिए बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। केन्द्र सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए तहसील पहुंचे। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री,मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार सुरेन्द्रसिंह खंगारोत को ज्ञापन सौंपा । इसमें एक्ट में पुन: संशोधन करने आदि की मांग की। खण्डप में एक्ट के विरोध में लोगों ने मुख्यमंत्री का पुतला जलाया। क्षेत्र के बड़े गांव अजीत, सिलोर, जेठन्तरी, मजल, करमावास आदि के बाजार बंद रहे। शांति व्यवस्था के लिए पूरे समय पुलिस के अधिकारी, जवान तैनात रहे।

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