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मजदूरों की सुरक्षा ताक पर, अधिकारी बोले- लिखकर देना जरूरी, आंखों देखी अनदेखी

locationबाड़मेरPublished: Dec 08, 2019 09:13:34 pm

Submitted by:

Dilip dave

– ओवरब्रिज निर्माण में निर्माण एजेंसी श्रमिकों को मुहैया नहीं करवा रही सुरक्षा संसाधन- श्रम निरीक्षक बोले- शिकायत आई तो करेंगे जांच, मर्जी से नहीं

मजदूरों की सुरक्षा ताक पर, अधिकारी बोले- लिखकर देना जरूरी, आंखों देखी अनदेखी

मजदूरों की सुरक्षा ताक पर, अधिकारी बोले- लिखकर देना जरूरी, आंखों देखी अनदेखी

बालोतरा पत्रिका .

एनएचएआई व निर्माण एजेंसी की लापरवाही कभी भी ओवरब्रिज पर काम कर रहे मजदूरों की जान पर भारी पड़ सकती है। राष्ट्रीय स्तर की निर्माण एजेंसी ने भी मजदूरों के सुरक्षा नियमों व श्रम कानून को ताक पर रख दिया और उनकी जिंदगी को संकट में डाल दिया है। बालोतरा में वाय शेप में बनने वाले ओवरब्रिज निर्माण की हकीकत जानने के लिए जब पत्रिका की टीम विभिन्न स्थानों पर मौके पर पहुंची तो सामने आई तस्वीरों ने वास्तव में चौंका दिया।
शहर में करीब 96 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन ओवरब्रिज निर्माण कार्य में तेजी तो दिखी, लेकिन इस चक्कर में निर्माण एजेंसी के जिम्मेदार ने नियमों का पालन करना भूल गए। मौके पर कई फीट ऊंचाई पर मजदूर सीढ़ी से चढ़ते हुए मिले। सीमेंट, लोहे की सरियों के जाल के बीच 30 से 40 फीट की ऊंचाई पर हेलमेट के बगैर चढऩा उतरना यहां मजदूरों के लिए मजबूरी बनी हुई है। चारों तरफ उड़ती धूल से बचाव के लिए उनके पास मास्क भी नहीं है। मजदूरों की सुरक्षा के पर्याप्त संसाधन न होने से हादसे का डर बना रहता है। यह स्थिति तब थी जब शहर की सड़कों पर निकलने वाले वाहनों से उडऩे वाली धूल उनके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रही थी।
श्रम विभाग के नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां
एनएचएआई की ओर से कराए जा रहे ओवर ब्रिज निर्माण में श्रम विभाग के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बाल मजदूरी पर सख्त कानून व नियम होने के बाद श्रम विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने भी एक बार भी मौके पर जाकर मजदूरों के बारे में जानकारी जुटाने की जहमत नहीं उठाई। हालत यह रही कि श्रमिक बिना सुरक्षा संसाधनों के जान जोखिम में डाल कार्य करने को मजबूर है। कुछ श्रमिकों ने बिना पहचान दिए बताया कि सर्दी के समय ठंडे पानी से ठंड भी लगती है, सेठ से जूते, सेफ्टी के लिए बेल्ट मांगे तो हमें घर भेज देंगे। श्रमिकों की इस बात से साफ जाहिर है कि श्रमिकों के साथ कितनी मनमानी की जा रही है।
40 फीट की ऊंचाई पर बिना सेफ्टी बेल्ट चढ़ रहे श्रमिक
शहर में ओवरब्रिज निर्माण के लिए फिलहाल इन दिनों पिलरों का निर्माण किया जा रहा है। पिलरों की ऊंचाई करीब 40 से 45 फीट है, लेकिन इतनी ऊंचाई पर श्रमिक बिना सेफ्टी बेल्ट के कार्य कर रहे है। पूरे निर्माण कार्य में कहीं पर किसी भी श्रमिक के पास सेफ्टी बेल्ट लगा नजर नहीं आया, जबकि नियमानुसार 10 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर कार्य करने के लिए श्रमिक के सेफ्टी बेल्ट लगा होना जरूरी है, ताकि ऊपर से गिर भी जाएं तो भी चोट नहीं लगें।
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श्रम निरीक्षक रामचन्द्र गढ़वीर से सीधी बात-

पत्रिका- आपने ओवरब्रिज निर्माण में कार्य करने वाले श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर जांच की, क्या?
जवाब- (काफी देर विचार करने के बाद)- ये सेफ्टी और बॉयलर में आता है, हमारा नहीं सेफ्टी डिपार्टमेंट का मामला है। अगर आप लिखित में दे तो देख लेंगे।
पत्रिका- लिखित में देने से पहले नहीं देख सकते क्या?
जबाव- आजकल सरकार ने लेबर लॉ में निरीक्षण के सिस्टम को ऑनलाइन कर रखा है, शिकायत आधारित जांच हम कर सकते है, मर्जी से कुछ नहीं कर सकते।
इसके बाद श्रम निरीक्षक ने कॉल काट दिया।

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