जानकारी अनुसार एक दंपती ने गुरुवार शाम टांके में कूदकर आत्महत्या की। बताया जा रहा है कि विवाहिता के पीहर पक्ष को बुलाया और ग्रामीणों ने दोनों पक्षों की आपसी सहमति होने पर शव बाहर निकलवा कर अंतिम संस्कार करवा दिया। परिजन ने इस घटनाक्रम की पुलिस को कोई सूचना नहीं दी। मृतक दंपती के 3 संतानें हैं तथा शादी को 8 साल हुए हैं।
जिले में सामूहिक आत्महत्याओं पर रोकथाम लगाना तो दूर की बात है। यहां पुलिस को आत्महत्या होने पर पता भी नहीं चल पा रहा है। बायतु क्षेत्र में दपंती के आत्महत्या की जानकारी पुलिस को शुक्रवार तक नहीं लगी। पुलिस तंत्र को इस तरह की वारदातों का पता तक नहीं चलने से कई सवाल पैदा हो रहे हैं।
गौरतलब है कि बाड़मेर जिले में सामूहिक आत्महत्या करने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। यहां लगातार प्रेम-प्रसंग व अवैध संबंधों के कारण सामूहिक आत्महत्या की वारदातें सामने आ रही है। मामलों ने सामाजिक स्तर पर झकझोर दिया है। 30 दिनों में 7 सामूहिक आत्महत्याओं की घटनाएं हो चुकी है। इसमें 19 लोगों की जान चली गई। इसके अलावा आत्महत्या के दर्जनों मामले हुए है। हालात काफी चिंताजनक हो गए हैं।
केस 2 – बालोतरा के पास 9 जुलाई की रात एक युवक-युवती ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। दोनों रिश्ते में भाई-बहन थे।
केस 4 – चौहटन थाना क्षेत्र के लीलसर में 14 जून को प्रेमी-युगल ने देसी कट्टे से फायर कर दी जान।
केस 6 – चौहटन क्षेत्र के आंटिया सरहद में गत 29 मार्च को टांके में नाबालिग छात्र-छात्रा ने कूद कर दी जान।
केस 8 – गत 9 जनवरी को बालोतरा में युवक-युवती ने ट्रेन के आगे कूद कर आत्महत्या कर ली।
सामूहिक आत्महत्याएं केस 1- 22 जून बाड़मेर में विवाहिता ने मासूम बालिका के साथ ट्रेन के आगे कूदकर जान दी।
केस 2- 26 जून को बावड़ी कल्ला में विवाहिता ने पांच बेटियों के साथ टांके में कूदकर आत्महत्या कर ली।