बाड़मेर. भारत के लोग अपने किसी लख्ते जिगर को देश की गलियों में सालों से तलाश रहे होंगे लेकिन वे पाकिस्तान की जेलों में है। इन लोगों को केवल अपना नाम मालूम है जो उन्होंने बता दिया है इसके अलावा कोई अता-पता नहीं। पाकिस्तान ने लाख कोशिश कर ली इनसे अन्य बातें उगलवाने की लेकिन ये मानसिक विक्षिप्त लोग कुछ नहीं बता पाए। अब पाकिस्तान ने एेसे 17 लोगों की सूची भारत सरकार के गृह मंत्रालय के विदेश प्रभाग को इनकी सूची सौंपी है। शक्ल-सूरत से देश के विभिन्न हिस्सों के लगने वाले ये लोग कहां के है, यह मालूम नहीं चल रहा है। भारत इनके अपनों को तलाश रहा है।
भारत की सीमा पार कर पाकिस्तान कीे जेलों में कैद भारतीयों की रिहाई का सिलसिला 2005 के बाद से लगातार चल रहा है। सीमावर्ती बाड़मेर जिले में भी तीन जने पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर लौट आए है। भारत सरकार के गृहमंत्रालय के दबाव में पाकिस्तान अब इसको लेकर पहल करने लगा है। हाल ही में पाकिस्तान ने 17 लोगों की सूची भारत सरकार के गृहमंत्रालय को दी है, ये सभी मानसिक विक्षिप्त बताए गए है।
यह है नाम- सोनूसिंह, सुरेन्द्र महतो, गुल्लोजान, प्रहलादसिंह, सिलरोफ सलीम, नकाया निकजा, अजमीरा अनमीरा, हसीना शहजादी, बिरजु बिर्चू, राजू, बीपला, रूप्ी पाल, पनवासी लाल, राजू माहोली, श्याम सुंदर, रमेश और राजू राय पाकिस्तान की जेलों में है।
यह है नाम- सोनूसिंह, सुरेन्द्र महतो, गुल्लोजान, प्रहलादसिंह, सिलरोफ सलीम, नकाया निकजा, अजमीरा अनमीरा, हसीना शहजादी, बिरजु बिर्चू, राजू, बीपला, रूप्ी पाल, पनवासी लाल, राजू माहोली, श्याम सुंदर, रमेश और राजू राय पाकिस्तान की जेलों में है।
युवा और अधेड़ ज्यादा पाकिस्तान की जेलों में बंदी इन लोगों में से युवा और अधेड़ ज्यादा है। ये लोग कब आए और कहां से आए? कब से जेल में बंदी है इसकी जानकारी नहीं दी गई है। पाकिस्तान चाहता है कि इनकी रिहाई हों और ये भारत चले जाए,इसलिए इनकी सूची गृहमंत्रालय को सौंपी है।