भारतीय एजेंसियों की कड़ी नजर इस तरह की कई वारदातों के बाद भारतीय खुफिया एजेंसियां भी अतिरिक्त सतर्कता बरत रही हैं। एेसे गु्रुप और चेट को लेकर ध्यान रखा जा रहा है। साथ ही ट्रेस होने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी अमल में लाई जा रही है।
प्रशासन ने दी है हिदायत प्रशासन की ओर से पिछले दो माह में दो बार हिदायत दी गई है कि किसी भी प्रकार की महत्वपणर््ूा सूचना का आदान- प्रदान नहीं करें। फेसबुक व व्हाट्सएप पर विदेशी नागरिको के संपर्क को लेकर सावचेत रहें। सरकारी कार्मिकों को तो प्रशासन की ओर से पूर्ण रूप से सावधान रहने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रतिबंध लगाना नहीं संभव एसटीडी एवं आईएसडी के जमाने में तो कॉल का इंद्राज करने और बात करने वालों का रिकार्ड रखने का नियम था लेकिन अब इंटरनेट के दिनों में यह मुश्किल हो गया है। व्हाट्सएप ग्रुप में तो विदेशी दोस्तों से बात करने के बाद यह तर्क दिया जाता है कि रिश्तेदारी है। एेसे में इसको लेकर फिक्र बढ़ रही है।
सावधान रहने की दरकार इसके लिए तो खुद को जागरुक होना होगा। इस प्रकार के ग्रुप में कम से कम जुड़ें। जैसे ही लगे कि जानकारी या अलग बात हो रही है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। हमें सावधान रहना होगा। सीमावर्ती क्षेत्र के वाशिंदों में अतिरिक्त जागरूकता जरूरी है।- डा. गगनदीप सिंगला, पुलिस अधीक्षक बाड़मेर