बाड़मेर. मेडिकल कॉलेज सम्बद्ध राजकीय अस्पताल बाड़मेर में रोजाना की ओपीडी में मरीजों का आंकड़ा करीब 3500 तक पहुंच गया है। हालात यह है कि इनमें से 80 फीसदी को खांसी-जुकाम है। बुखार के भी मरीज आ रहे हैं, लेकिन वह काफी कम है। सबसे अधिक खांसी के पीडि़त है। इनकी खांसी पिछले 10-15 दिनों से ठीक नहीं हो रही है। एक व्यक्ति के बीमार होने से पूरे परिवार के संक्रमित होने का खतरा मंडरा रहा है। आइएलआई के संदिग्ध मरीजओपीडी में आने वाले मरीज इंफ्ल्यूएंजा लाइक इलनेस (आइएलआई) जैसे लक्षणों से पीडि़त है। अधिकांश में छींकने और खांसने की शिकायत है। इनमें से कुछ की स्थिति खराब होने पर एक्स-रे और सीटी जांच के बाद भर्ती किया जा रहा है।
बाड़मेर. मेडिकल कॉलेज सम्बद्ध राजकीय अस्पताल बाड़मेर में रोजाना की ओपीडी में मरीजों का आंकड़ा करीब 3500 तक पहुंच गया है। हालात यह है कि इनमें से 80 फीसदी को खांसी-जुकाम है। बुखार के भी मरीज आ रहे हैं, लेकिन वह काफी कम है। सबसे अधिक खांसी के पीडि़त है। इनकी खांसी पिछले 10-15 दिनों से ठीक नहीं हो रही है। एक व्यक्ति के बीमार होने से पूरे परिवार के संक्रमित होने का खतरा मंडरा रहा है। आइएलआई के संदिग्ध मरीजओपीडी में आने वाले मरीज इंफ्ल्यूएंजा लाइक इलनेस (आइएलआई) जैसे लक्षणों से पीडि़त है। अधिकांश में छींकने और खांसने की शिकायत है। इनमें से कुछ की स्थिति खराब होने पर एक्स-रे और सीटी जांच के बाद भर्ती किया जा रहा है।