इन पीडि़तों को समय पर सहायता मिले तो इलाज में मदद हों। बाड़मेर जिले में 39 आवेदन लंबित है, प्रदेश में यह आंकड़ा 970 के करीब है।
सिलिकोसिस बीमार को दो लाख और मृत्यु होने पर तीन लाख की सहायता देने का सरकार ने प्रावधान किया है ,लेकिन वेरिफिकेशन में बेवजह देरी के कारण कई जगह पर एक साल से भी अधिक समय तक सहायता राशि नहीं मिल पा रही।
केस-1 चेलाराम पुत्र हरखाराम गांव जैसार, तहसील चौहटन। 14 जून से नोडल अधिकारी के पास में आवेदन लंबित है। चेलाराम खाट पर है। गरीब परिवार मजदूरी कर इसकी देखभाल कर रहा है, सरकारी सहायता मिले तो चेलाराम का उपचार हों।
केस-2 हकाराम पुत्र पूनमाराम, गांव गोड़ा, तहसील सेड़वा। 6 जुलाई से आवेदन लंबित है। खाट पकड़ चुके हरकाराम का इलाज करवाना और परिवार का भरण पोषण दोनों ही मुश्किल हो चुका है। केस-3
जालाराम पुत्र चौथाराम निवासी जास्ती कोरना, तहसील पचपदरा। 13 दिसंबर 2018 से आवेदन लंबित है। सहायता से पीडि़त वंचित है। सरकार पाबंद करें सरकार व प्रशासन मिलकर सिलिकोसिस पीडि़तों को तत्काल सहायता देने में मदद करावे । मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव राजस्थान सरकार व लेबर कमिश्नर को लिखा है कि तुरंत अधिकारियों को पाबंद करें और इसको प्राथमिकता देने का नियम बनाया जाए।
लक्ष्मण बडेरा, अध्यक्ष कमठा मजदूर यूनियन कहां कितने आवेदन लंबित अजमेर- 30
अलवर-11 बांसवाड़ा-01
बाड़मेर-39 भीलवाड़ा- 03
बूंदी-10 चित्तौडग़ढ़-03
चुरू-01 दौसा-97
धौलपुर-01 जयपुर-03
जैसलमेर-13 झालावाड़-02
झुंझुनू-05 जोधपुर-279
करौली-130 कोटा-12
नागौर-25 पाली-28
प्रतापगढ़-02 राजसमंद-04
सीकर-04
सिरोही-227
टोंक-02 उदयपुर- 08
कुल-940 निर्देशित करेंगे
सिलिकोसिस पीडि़तों की मदद को हरसंभव तत्परता दिखाएंगे। मामले पेंडिंग है तो इसके के लिए तुरंत नोडल अधिकारी को निस्तारित करने के निर्देश देंगे। – हिमांशु गुप्ता जिला कलक्टर बाड़मेर