जब सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी बैठक में भाग लेने के लिए यहां पहुंचे तो लोगों ने उन्हें घेर लिया। उन्होंने पहले बैठक का हवाला दिया और कक्ष में पहुंच गए। बैठक के दौरान गिनती के जनप्रतिनिधि आने पर कुर्सियां खाली नजर आई तो ग्रामीण भी एक-एक करके अंदर आ गए। इसके बाद लोगों ने अपनी समस्याएं रखनी शुरू की ही थी कि प्रधान तेजाराम कोडेचा ने बैठक बीच में ही रोकते हुए जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के अलावा जितने भी लोग कक्ष में थे, सभी को बाहर निकलने का बोल दिया। यह सुन पहले तो लोग चौंके, फिर एक-एक कर बाहर आने लगे।
हंगामा हुआ तो कमरा बंद
बाहर आए लोग यह कहते हुए हंगामा करने लगे कि जब हमारी समस्याएं ही नहीं सुन रहे हैं तो अंदर किस बात की बैठक चल रही है। और तो और नेता और अधिकारी किस जनता की समस्याओं पर चर्चा कर रहे हैं? इस बीच बैठक वाले कक्ष का दरवाजा बंद कर करवा दिया गया।
बाहर आए लोग यह कहते हुए हंगामा करने लगे कि जब हमारी समस्याएं ही नहीं सुन रहे हैं तो अंदर किस बात की बैठक चल रही है। और तो और नेता और अधिकारी किस जनता की समस्याओं पर चर्चा कर रहे हैं? इस बीच बैठक वाले कक्ष का दरवाजा बंद कर करवा दिया गया।
मामला बढ़ा तो मांगी माफी
जब लोग बाहर हंगामा करने लगे तो सांसद स्वयं कक्ष से बाहर आए। उन्होंने लोगों से यह कहते हुए माफी मांगी कि ये जो कुछ हुआ है वह गलत है। ऐसा किसी के साथ भी नहीं होना चाहिए। बैठक से बाहर निकालना गलत है।
जब लोग बाहर हंगामा करने लगे तो सांसद स्वयं कक्ष से बाहर आए। उन्होंने लोगों से यह कहते हुए माफी मांगी कि ये जो कुछ हुआ है वह गलत है। ऐसा किसी के साथ भी नहीं होना चाहिए। बैठक से बाहर निकालना गलत है।
सांसद को भी सुनाई खरी-खोटी
करीब एक साल बाद गडरारोड पहुंचे सांसद को लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ी। लोगों ने कहा कि जब आप ही हमारी समस्या सुन नहीं रहे हो तो कौन सुनेगा। इस पर सांसद ने कहा कि आज समय कम है, अबकी बार जनसुनवाई करूंगा। इस पर लोग भड़क गए और बोले कि एक साल बाद आए हो और अबकी बार चुनावों में ही आओगे। हमारी सुध कौन लेगा।
करीब एक साल बाद गडरारोड पहुंचे सांसद को लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ी। लोगों ने कहा कि जब आप ही हमारी समस्या सुन नहीं रहे हो तो कौन सुनेगा। इस पर सांसद ने कहा कि आज समय कम है, अबकी बार जनसुनवाई करूंगा। इस पर लोग भड़क गए और बोले कि एक साल बाद आए हो और अबकी बार चुनावों में ही आओगे। हमारी सुध कौन लेगा।
जनसुनवाई की सूचना पर पहुंचे थे ग्रामीण
पंचायत समिति की इससे पहले हुई बैठक के दौरान जनसुनवाई भी हुई थी। इसके साथ ही भाजपा नेताओं ने भी लोगों को जनसुनवाई की सूचना दी। ऐसे में लोग इस उम्मीद में पंचायत समिति पहुंचे की उनकी समस्याएं सुनी जाएंगी, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी।
पंचायत समिति की इससे पहले हुई बैठक के दौरान जनसुनवाई भी हुई थी। इसके साथ ही भाजपा नेताओं ने भी लोगों को जनसुनवाई की सूचना दी। ऐसे में लोग इस उम्मीद में पंचायत समिति पहुंचे की उनकी समस्याएं सुनी जाएंगी, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी।