उन्होंने विजयादशमी के अवसर पर खारा राठौड़ान, भदरू, भाचभर, इन्द्रोई, जोधासर सहित कई गांव, ढाणियों में छायादार, फूलदार और औषधीय पौधे लगाए। पौधों को परिवार का हरित सदस्य बनाकर संरक्षण व संवर्धन कर पेड़ बनाने की जिम्मेदारी तय की गई।
व्याख्याता राणसिंह, मेघसिंह, शिक्षक कानसिंह, चन्द्रप्रकाश, जोगसिंह, देदाराम, जोगाराम पोटलिया, नेपालसिंह खारा सहित अन्य उपस्थित रहे। 21 साल से चला रहे अभियान:
पौधे लगाओ जीवन बचाओ अभियान के तहत 1999 से प्रति वर्ष विद्यालयों, घर-घर पौधरोपण करने और आमजन को इसके प्रति जागरूक करने की मुहिम चलाई जा रही है। मरुस्थलीकरण रोकथाम के लिए खेजङी, नीम, पीपल, जाल, रोहिङा, कुंमट, सहजन, लेसुआ, सुरेल के पौधे लगाने को प्रेरित किया जा रहा हैं। पारिवारिक वानिकी मुहिम से लोगों को जोड़कर पर्यावरण पाठशालाएं स्थापित करने की मुहिम चला रहे है।
पौधे लगाओ जीवन बचाओ अभियान के तहत 1999 से प्रति वर्ष विद्यालयों, घर-घर पौधरोपण करने और आमजन को इसके प्रति जागरूक करने की मुहिम चलाई जा रही है। मरुस्थलीकरण रोकथाम के लिए खेजङी, नीम, पीपल, जाल, रोहिङा, कुंमट, सहजन, लेसुआ, सुरेल के पौधे लगाने को प्रेरित किया जा रहा हैं। पारिवारिक वानिकी मुहिम से लोगों को जोड़कर पर्यावरण पाठशालाएं स्थापित करने की मुहिम चला रहे है।