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आठ वर्षों से लूनी नदी में पहुंच रहा प्रदूषित पानी

locationबाड़मेरPublished: Jul 19, 2018 06:48:03 pm

Submitted by:

Dilip dave

– रोकथाम को लेकर सरकार व जिला प्रशासन नहीं गंभीर- खेती, पशुपालन रोजगार छीनने को लेकर किसान, ग्रामीण चिंतित

आठ वर्षों से लूनी नदी में पहुंच रहा प्रदूषित पानी

आठ वर्षों से लूनी नदी में पहुंच रहा प्रदूषित पानी

बालोतरा.
न्यायालय के नदियों में प्रदूषित रासायनिक पानी नहीं छोडऩे के आदेश के बावजूद इसकी पालना नहीं हो रही है। लूनी नदी में सर्व प्रथम वर्ष2011 में पाली के कारखानों का पहुंचा प्रदूषित पानी, लगातार बह रहा है। इससे खराब होते जल, जमीन पर खेती, पशुपालन रोजगार समाप्त होने को लेकर हजारों हजारों किसान, ग्रामीण परेशान है, लेकिन प्रदूषित पानी रोकने के लिए जिम्मेदार सरकार व प्रशासन की ओर से कार्रवाई नहीं हो रही।
जिले की एकमात्र बरसाती लूनी नदी इसके सैकड़ों गांवों के हजारों किसानों, ग्रामीणों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। नदी में बरसाती पानी बहाव पर इसके सटे गांवों के ग्रामीणों को पीने को मीठा पानी मिलता है तो इससे खेतों की होने वाली सिंचाई से रोजगार प्राप्त होता है। खेतों में होने वाले चारा से इन्हें पशुपालन व्यवसाय करने में किसी तरह की परेशानी नहीं उठानी पड़ती है। वर्षों से नहीं कई दशकों से हजारों किसान, ग्रामीण नदी के पानी से खेतों में सिंचाई कर जीवन यापन कर रहे हंै।
रासायनिक पानी की अनवरत आवक जारी- लूनी नदी क्षेत्र के ग्रामीणों, किसानों के अनुसार सर्वप्रथम वर्ष2011 में लूनी में पाली के कारखानों का रासायनिक पानी का बहाव हुआ था। तब से लेकर इस साल तक प्रति वर्ष प्रदूषित पानी का बहाव हो रहा है। आठ वर्षों से हो रही आवक से जमीन व जल दोनों खराब हो रहे हैं। खेत जोतने पर बीजों का अंकुरण सही रूप से नहीं होता है। खड़ी फसलें देखते-देखते मुरझा व जल जाती है। कम होने वाली पैदावार पर मेहनत जितनी भी कमाई नहीं होती है। इससे क्षेत्र भर के किसान परेशान है।
रोकथाम के नहीं प्रयास- न्यायालय ने प्रदूषित पानी नदी में नहीं छोडऩे की रोक के आदेश भले दे रखे हंै,लेकिन सरकार व जिला प्रशासन इसकी पालना सुनिश्चित नहीं कर रहा है। पाली के कारखानों का प्रदूषित पानी बाण्डी नदी होते हुए नेहड़ा बांध में जमा होता है। यहां से इसे छोडऩे पर यह गांव रामपुरा से बाड़मेर जिले में प्रवेश करता है।
रोजगार समाप्त होने की चिंता- लूनी नदी ही रोजगार का एकमात्र साधन है। खेती कर जीवन बसर करते हैं, लेकिन हर वर्ष नदी में पहुंच रहे प्रदूषित पानी पर अब रोजगार समाप्त होने को लेकर बहुत चितिंत हूं। – मगाराम चौधरी
कई सालों से प्रदूषित पानी की आवक- लूनी नदी में कई वर्षों से लगातार प्रदूषित पानी की आवक हो रही है। कुछ उद्यमियों को खुश करने के लिए हजारों किसानों के हितों की अनदेखी की जा रही है। प्रदूषित पानी रोकथाम को लेकर ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। – आशाराम सोलंकी
गुमराह कर रहे- जल प्रदूषण रोकने को लेकर सरकार, प्रशासन गुमराह कर रहे हंै। जनप्रतिनिधि भी झूठे आश्वासन देते हैं। समस्या दिन ब दिन बढ़ रही है। – पुखराज पटेल
पता कर करेंगे कार्रवाई- प्रदूषण को लेकर बड़े-बड़े कारखानों को बंद करवाया है। जो पानी पहुंचा है वह बरसात व सीवरेज का होगा। प्रदूषित व रासायनिक पानी है तो इसका पता करवाकर कार्रवाई करेंगे। – सुधीर शर्मा, जिला कलक्टर पाली
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