कोविड-19: फाइव फोल्ड स्ट्रेटजी से कोरोना की तीसरी लहर रोकने की तैयारी
-सभी जिलों में इसी स्टे्रटजी पर होंगे रोकथाम के प्रयास-राज्य में कोविड के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए तैयारी शुरू-फाइव फोल्ड में टेस्ट, टास्क, ट्रीट, वैक्सीनेट, एडहेरेंस है शामिल-कोविड की तीसरी लहर की आशंका बढ़ी
कोविड-19: फाइव फोल्ड स्ट्रेटजी से कोरोना की तीसरी लहर रोकने की तैयारी
बाड़मेर. त्योहारों और शादियों की सीजन के बाद कोविड-19 संक्रमण की बढ़ती आशंका को लेकर चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। महामारी के प्रति बढ़ती लापरवाही और उदासीनता के कारण प्रदेश में नए केस बढऩे शुरू हो गए है। हालांकि अभी संख्या काफी कम है। लेकिन बढ़ते की आशंका पूरी है। इसलिए अभी से ही रोकथाम को लेकर चिकित्सा महकमा अलर्ट होने के साथ अन्य जिलों के लिए एक फाइव फोल्ड स्टे्रटजी पर काम शुरू करने को कहा है। जिससे संक्रमण को बढऩे से पहले ही रोका जा सका।
प्रदेश में पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि कोविड के मामले बढ़े हैं। बड़े शहरों से ज्यादा संक्रमित सामने आए हैं। वहीं फ्री हो चुके जिले में फिर एक्टिव केस की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। संक्रमितों के संपर्क में आने वालों को लेकर अभी तक कोई जांच व क्वारंटीन जैसी व्यवस्थाओं और पांबदियों को लेकर निर्देश नहीं है। लेकिन अब विभाग संक्रमित मामलों को गंभीरता से लेगा, क्योंकि कोविड महामारी की शुरूआत में एक ही मरीज आया था, जो बाद में प्रदेश में यह संख्या लाखों में हो गई और हजारों लोग कोविड के शिकार हो गए।
क्या है फाइव फाल्ड स्ट्रेटजी
संक्रमण को रोकने के लिए चिकित्सा विभाग ने एक फाइव फोल्ड स्ट्रेटजी तैयार की है। फाइव फोल्ड में पहला टेस्ट-टास्क-ट्रीट-वैक्सीनेट-एडहेरेंस टू कोविड-19 एप्रोप्रियेट बिहेवियर को शामिल किया गया है। पांच घटकों को क्रमवार तरीके से फोकस करते हुए नए केस के रोकथाम को लेकर ग्राउंड लेवल से काम करना है।
प्रत्येक जिला स्तर पर इस स्ट्रेटजी पर हो काम
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव वैभव गालरिया ने निर्देश जारी किए है। जिसमें सभी स्थानों पर इस स्ट्रेटजी के तहत काम करते हुए संक्रमण की रोकथाम के उपायों को लागू करना है।
1. टेस्ट: नमनूों को बढ़ाना होगा
कोविड का पता अधिक नमूनों की जांच करके ही किया जा सकता है। इसके लिए इस स्टे्रेटजी का पहला घटक टेस्ट है। इसके तहत अधिक से अधिक लोगों को जो कोविड संदिग्ध माने जाते हैं। उनकी जांच करनी आवश्यक है। साथ ही संक्रमितों के संपर्क में आने वालों की अनिवार्य रूप से जांच करनी होगी।
2. ट्रेकिंग : संक्रमित क्षेत्र में पैसिव सर्विलांस
जहां पर कोविड संक्रमित मिला है। उस क्षेत्र की सघन एक्टिव व पैसिव सर्विलांस की कार्रवाई की जाए। इससे यह पता चल सकेगा कि संक्रमण आया कहां से है और इसे फैलने के लिए कैसे रोका जा सकता है। संक्रमण बड़े एरिया को तो प्रभावित नहीं करेगा। इसलिए यहां पर सर्विलांस की जरूरत रहेगी।
3. ट्रीट: संक्रमितों का तुरंत उपचार
संक्रमित को सेपरेट रखते हुए उसका तुरंत उपचार किया जाए। जिससे उसके दूसरी स्टेज में पहुंचने की आशंका खत्म हो जाए और व्यक्ति जल्द से स्वस्थ हो सके। इसलिए ट्रीटमेंट पर फोकस सबसे किया जाएगा। ऐसे मरीजों का उपचार जल्दी होगा तो ऑक्सीजन कमी की स्थिति तक नहीं पहुंचंगे।
4. वैक्सीनेट: दोनों डोज जरूर लगे
जिनको प्रथम डोज अभी तक नहीं लगी है, उनके लिए विशेरू रूप से कार्य किया जाए। वहीं दूसरी डोज से वंचितों को चिह्नित करते हुए उनका वैक्सीनेशन करना होगा। दोनों कार्य युद्ध स्तर पर करने की जरूरत है। तभी आशंकित तीसरी लहर को रोकना संभव होगा।
5. एडहेरेंस टू कोविड-19 एप्रोप्रियेट बिहेवियर
सार्वजनिक स्थानों पर कोविड अनुरूप व्यवहार अपनाने को सुनिश्चित करना आवश्यक है। इसी से ही कोरोना के फैलाव को रोका जा सकता है। मास्क, सोशल डिस्टेंस, बार-बार हाथ धोना आदि इसमें शामिल है। साथ ही जिले में मिलने वाले संक्रमितों की संख्या तथा ट्रेंड की रोजाना समीक्षा की जाए।
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