भाजपा कह रही है, तेल हमारा, जमीन हमारी, पानी हमारा तो 26 प्रतिशत भागीदारी क्यो रखी? उन्होंने कहा कि वर्ष-2013 में हुए एमओयू में रिफाइनरी की लागात 37 हजार करोड़ थी, लेकिन आज वो बढकर 43 हजार करोड़ हो गई। उन्होंने कहा कि यह 6 हजार करोड़ अधिक हो गई है, अब इसके लिए जिम्मेदार कौन है? भाजपा वालों की नियत में खोट है। अब सरकार बैकफुट पर आ गई है। ऐसे में मजबूरी में शुभारंभ करना पड़ रहा है। साढ़े चार साल बाद भी एमओयू को सार्वजनिक न करके जनता को गुमराह किया जा रहा है।
यह भी लगाए आरोप
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में विधानसभा में पहले बजट में मुद्दा उठाया था कि आप भले ही कांग्रेस का पत्थर परिवर्तन करके आपका पत्थर लगा दो, लेकिन जनता के साथ धोखा मत करो। लेकिन सरकार ने जानबुझकर लटकाए रखा। और कहते रहे कि रिफाइनरी तो घाटे का सौदा है। उन्होंने कहा कि पहले शिलान्यास? अब कह रहे हैं शुम्भारंभ। लेकिन असली बात तब बनती जब जनता के सामने रिफाइनरी का उद्घाटन करते। उन्होंने कहा कि चुनावी फायदे के लिए ऐसा पहली बार हो रहा है। उन्होंने कहा कि साधुसंत, गौपालक सब सड़कों पर है।
भाजपा के कुशासन से हर वर्ग दु:खी है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार गौमाता के नाम पर वोट मांग रही है। इससे दयनिय स्थिति क्या हो सकती है। पेयजल परियोजना अधरझूल पड़ी है। मेडिकल कॉलेज को शुरू नहीं करा पाए। उन्होंने आरोप लगाया है कि भाजपा के पास विकास के नाम बाड़मेर में एक काम भी गिनाने लायक नहीं है।