इधर, स्टैंड के अभाव में वाहनों का इंतजार करने वाले लोग भी सड़कों पर खड़े रहने और बैठने को मजबूर है। बस स्टैंड बनने पर उनको न केवल बैठने की ठोर मिलेगी, यातायात व्यवस्था में भी सुधार होगा।
उपखंड बालोतरा का दूसरा बड़ा कस्बा जसोल है। 18 हजार से अधिक आबादी वाला कस्बा औद्योगिक क्षेत्र भी है। यहां एक सौ से अधिक वस्त्र कारखाने संचालित होने पर आस-पास के गांवों से हर दिन बड़ी संख्या में लोग कामकाज के लिए आते हैं। सामुदायिक चिकित्सालय होने पर क्षेत्र के गांवों के ्रमरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं।
माता राणी भटियाणी का प्रसिद्ध मंदिर है। इसके समीप देश विख्यात जैन तीर्थ नाकोड़ा होने पर देश, प्रदेश के कोने कोने से हर दिन हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। शुक्ल पक्ष में दर्शन पूजन के लिए एक लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस पर कस्बे में बस स्टैण्ड के अभाव में पग-पग पर परेशानियां उठानी पड़ती हैं।
सड़क पर वाहनों का कब्जा, लगता जाम- नाकोड़ा- मेवानगर- बालोतरा के बीच संचालित टेम्पों, टेक्सियां मुख्य सड़क के किनारे खड़ी रहती हैं। माता राणी भटियाणी, जैन तीर्थनाकोड़ा के दर्शन के लिए निजी वाहनों से पहुंचने वाले श्रद्धालु बस स्टैण्ड के अभाव में मुख्य सड़क किनारे बसें खड़ी करते हैं। इस पर यहां जाम लगता है।
व्यस्ततम मार्ग पर बिगड़ी यातायात व्यवस्था पर हरदम हादसा होने की आशंका रहती है। इस पर लंबे समय से कस्बे में बस स्टैण्ड निर्माण की जरूरत महसूस की जा रही है। बस स्टैंड निर्माण जरूरी –
कस्बे में बस स्टैण्ड के अभाव में वाहन मुख्य सड़क के किनारे खड़े रहते हैं। पैदल गुजरना मुश्किल हो जाता है। बस स्टैण्ड निर्माण बहुत जरूरी है। – बस्तीराम मेघवाल दुर्घटना का रहता डर- कस्बे में मुख्य सड़क पर हर समय बड़ी संख्या में वाहन खड़े रहते हैं। इस पर हर समय दुर्घर्टना का डर सताता है। आमजन परेशान है।
– शांतिलाल सुथार