कस्बे के पशु चिकित्सालय को प्रथम श्रेणी में दो वर्ष पूर्व क्रमोन्नत किया गया, लेकिन पशु चिकित्सक नहीं लगाया। एेसे मेे पशुपालकों को पहले की तरह ही परेशानियां उठानी पड़ रही है। पशु चिकित्सालय क्रमोन्नत होने पर कस्बे व क्षेत्र के पशुपालकों ने बेहतर उपचार की सुविधा का सपना संजोया था, लेकिन सरकार ने पशु चिकित्सक नियुक्त नहीं होने से इलाज नहीं मिल रहा। वर्तमान में यह चिकित्सालय प्रतिनियुक्ति के भरोसे चल रहा है और वह भी चिकित्सक नहीं पशुधन सहायक के भरोसे। गौरतलब है कि यहां वरिष्ठ चिकित्सक, सहायक पशुचिकित्सक के पद स्वीकत तो हैं, लेकिन कार्यरत नहीं है।
छुट्टी पर जाने से दिक्कत- पशुचिकित्सालय में कार्यरत पशुधन सहायक के अवकाश या सरकारी कार्य के लिए डयूटी पर जाने पर अस्पताल के ताला लग जाता है। हर माह पांच-सात दिन एेसा होता है, जिससे पशुपालकों को परेशानी होती है।
समय पर नहीं मिलता इलाज- गौरतलब है कि पाटोदी के आसपास की पन्द्रह ग्राम पंचायतों में पशुचिकित्सालय नहीं होने से पशुपालकों को बीमार पशुओं का इलाज करवाने यहां आना पड़ता है। यहां भी चिकित्सक नहीं होने से पशुओं की जान पर बन आती है। एेसे में लम्बे समय से लोग पशुचिकित्सक लगाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक नियुक्ति नहीं हुई है। वहीं, चिकित्सक के अभाव में सुविधाएं भी नहीं मिल रही है।
समय पर नहीं मिलता इलाज- गौरतलब है कि पाटोदी के आसपास की पन्द्रह ग्राम पंचायतों में पशुचिकित्सालय नहीं होने से पशुपालकों को बीमार पशुओं का इलाज करवाने यहां आना पड़ता है। यहां भी चिकित्सक नहीं होने से पशुओं की जान पर बन आती है। एेसे में लम्बे समय से लोग पशुचिकित्सक लगाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक नियुक्ति नहीं हुई है। वहीं, चिकित्सक के अभाव में सुविधाएं भी नहीं मिल रही है।
उपचार नहीं मिल रहा – पशु चिकित्सालय क्रमोन्नत किया, लेकिन पशु चिकित्सक की नियुक्ति नहीं की। इस पर आज भी उपचार उपलब्ध नहीं हो रहा है। कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। – बंशीलाल प्रजापत पशुपालक