स्थानीय डाक बंगले में बुधवार को पत्रकारों की बैठक हुई। बैठक में मामले की निंदा करते की गई।उसके बाद पत्रकारों ने काली पट्टी बांधकर विरोध व्यक्त किया। पत्रकार शांति पूर्ण रैली के रूप में वरिष्ठ पत्रकार शंकरलाल गोली की अगुवाई में कलक्ट्रेट पहुंचे। अतिरिक्त जिला कलक्टर को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि पटना में दुर्गसिंह व उसके परिजनों की सुरक्षा दिलवाने, मामले की जांच सीबीआई से करवाने, षड्यंत्रपूर्वक बनाने वालों का पर्दाफाश व दुर्गसिंह को रिहा करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। पाली, जालौर, जोधपुर व अन्य स्थानों पर भी इस मामले को लेकर विभिन्न संगठनों ने ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही की मांग की है।
अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक जताया
बाड़मेर. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक में शिव विधायक मानवेन्द्रसिंह ने मारवाड़ की रीत के मुताबिक खाकी पगड़ी पहनी है। मानवेन्द्र बारह दिन तक इसको पहनेंगे। ज्ञातव्य रहे है कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रमोद महाजन का निधन होने पर उनके पिता जसवंतसिंह ने भी खाकी पगड़ी पहनी थी।
बाड़मेर. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक में शिव विधायक मानवेन्द्रसिंह ने मारवाड़ की रीत के मुताबिक खाकी पगड़ी पहनी है। मानवेन्द्र बारह दिन तक इसको पहनेंगे। ज्ञातव्य रहे है कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रमोद महाजन का निधन होने पर उनके पिता जसवंतसिंह ने भी खाकी पगड़ी पहनी थी।
मानवेन्द्र ने बीते दिनों सोशल मीडिया पर लिखा है कि उनके पिता जसवंतसिंह और अटल बिहारी वाजपेयी दोनों में गहरे पारीवारिक रिश्ते थे लेकिन उनकी मजबूरी है कि वे अभी अपने पिता को यह नहीं कह सकते कि अटलजी, अब नहीं रहें…। जसवंङ्क्षसह खुद बीमार है। उनको जो थोड़ी-बहुत चेतना है शायद यह सुनकर वो भी नहीं रहे। मानवेन्द्र ने बताया कि सारी दुनियां जान गई है कि अटल बिहारी नहीं रहे लेकिन उनसे सबसे गहरे जुड़े रहे जसवंसिंह नहीं जानते कि अटलजी अब नहीं रहे।
रैंजर यूनिट बदली,नफरी नहीं बढ़ी
बाड़मेर पत्रिका. पाकिस्तान में सरकार बदलने और प्रधानमंत्री इमरान खान बनने के बाद पाकिस्तान बॉर्डर पर हलचल और गतिविधियो में बाड़मेर बॉर्डर पर ज्यादा फर्क नहीं आया है। बाड़मेर के सामने पाकिस्तान की १४ पोस्ट पर पूर्व की तरह ही नफरी है।
बाड़मेर पत्रिका. पाकिस्तान में सरकार बदलने और प्रधानमंत्री इमरान खान बनने के बाद पाकिस्तान बॉर्डर पर हलचल और गतिविधियो में बाड़मेर बॉर्डर पर ज्यादा फर्क नहीं आया है। बाड़मेर के सामने पाकिस्तान की १४ पोस्ट पर पूर्व की तरह ही नफरी है।