टेबलों पर लगाते रहे चक्कर
कैम्प में पहुंचे दिव्यांग के परिजन आवेदन करवाने के लिए टेबलों के चारों आेर खड़े हो गए। ऐसे में कार्मिकों के लिए काम करना मुश्किल हो गया। मॉनिटरिंग के अभाव में अभिभावक एक टेबल से दूसरी टेबल के बीच चक् कर लगाते नजर आए।
कैम्प में पहुंचे दिव्यांग के परिजन आवेदन करवाने के लिए टेबलों के चारों आेर खड़े हो गए। ऐसे में कार्मिकों के लिए काम करना मुश्किल हो गया। मॉनिटरिंग के अभाव में अभिभावक एक टेबल से दूसरी टेबल के बीच चक् कर लगाते नजर आए।
ऑन लाइन के भंवरजाल में फंसा आवेदन
जिले के ९ ब्लॉकों से आने वाले दिव्यांग विद्यार्थी व उनके साथ आए परिजन जब आवेदन करने लगे तो उनसे पंडित दीन दयाल उपाध्याय योजना में ऑन लाइन आवेदन मांगा गया तो ८० फीसदी लोगों के पास ऑनलाइन आवेदन नहीं थे। ऐसे में दिव्यांगों ने आपत्ति उठाई के पहले ऑनलाइन के बारे में बताया नहीं अब कहां से करेंगे ऑन लाइन । ऐसे में कर्मचारी पला झाड़ते नजर आए।
जिले के ९ ब्लॉकों से आने वाले दिव्यांग विद्यार्थी व उनके साथ आए परिजन जब आवेदन करने लगे तो उनसे पंडित दीन दयाल उपाध्याय योजना में ऑन लाइन आवेदन मांगा गया तो ८० फीसदी लोगों के पास ऑनलाइन आवेदन नहीं थे। ऐसे में दिव्यांगों ने आपत्ति उठाई के पहले ऑनलाइन के बारे में बताया नहीं अब कहां से करेंगे ऑन लाइन । ऐसे में कर्मचारी पला झाड़ते नजर आए।
खाने में अफरा तफरी
विभाग की ओर से कैम्प में आने वाले दिव्यांग व उसके साथ एक अभिभावक के लिए खाने की व्यवस्था थी। खाना शुरू होते ही काउंटर पर भीड़ हो गई। आधे लोगों को खाना मिलने के बाद खाना समाप्त हो गया। लगभग एक घंटे के बाद दुबारा खाना आया ऐसे में कई लोग बिना खाना खाए रवाना हो गए। पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से परेशानी हुई। कई दिव्यांग व उनके अभिभावक थाली में सब्जी लेकर खाने का इंतजार करते नजर आए।
विभाग की ओर से कैम्प में आने वाले दिव्यांग व उसके साथ एक अभिभावक के लिए खाने की व्यवस्था थी। खाना शुरू होते ही काउंटर पर भीड़ हो गई। आधे लोगों को खाना मिलने के बाद खाना समाप्त हो गया। लगभग एक घंटे के बाद दुबारा खाना आया ऐसे में कई लोग बिना खाना खाए रवाना हो गए। पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से परेशानी हुई। कई दिव्यांग व उनके अभिभावक थाली में सब्जी लेकर खाने का इंतजार करते नजर आए।
विभाग का दावा अधिक लोग आए
कैम्प में हुई अव्यवस्थाओं को लेकर जब जिम्मेदारों से बात की गई तो उन्होने बताया कि ३०० के करीब दिव्यांगों को बुलाया था ७०० के करीब लोग आने से परेशानी हुई। ऑनलाइन आवेदन के बार में बताया कि पूर्व में विभाग के पास भी ऐसे दिशा निर्देश नहीं थे। इसलिए लोगों को बता नहीं पाए।
कैम्प में हुई अव्यवस्थाओं को लेकर जब जिम्मेदारों से बात की गई तो उन्होने बताया कि ३०० के करीब दिव्यांगों को बुलाया था ७०० के करीब लोग आने से परेशानी हुई। ऑनलाइन आवेदन के बार में बताया कि पूर्व में विभाग के पास भी ऐसे दिशा निर्देश नहीं थे। इसलिए लोगों को बता नहीं पाए।
पहले नियम नहीं बताए
कैम्प में आने के लिए कौनसे प्रमाण पत्र चाहिए इसकी पूरी जानकारी नहीं दी गई। अब कहां से करे ऑनलाइन।
भाखरसिंह वापिस ले जा रहे है
सुबह से दो दिव्यांगों को कैम्प में लाए यहां पर पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। कुछ काम नहीं हुआ। बच्चों को वापिस ले जा रहे है।
दौलतसिंह राजपुरोहित
कैम्प में आने के लिए कौनसे प्रमाण पत्र चाहिए इसकी पूरी जानकारी नहीं दी गई। अब कहां से करे ऑनलाइन।
भाखरसिंह वापिस ले जा रहे है
सुबह से दो दिव्यांगों को कैम्प में लाए यहां पर पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। कुछ काम नहीं हुआ। बच्चों को वापिस ले जा रहे है।
दौलतसिंह राजपुरोहित
काम नहीं हो रहा
यहां पर कोई जबाव देने वाला नहीं है। एक टेबल से दूसरी टेबल पर भेज रहे है।
दानसिंह मुनाबाव खाना नहीं मिला
खाने की व्यवस्था सही नहीं होने से अधिकांश लोगों को खाना नहीं मिला। शाम को घर पहुचेंगे।
रोजे खां
यहां पर कोई जबाव देने वाला नहीं है। एक टेबल से दूसरी टेबल पर भेज रहे है।
दानसिंह मुनाबाव खाना नहीं मिला
खाने की व्यवस्था सही नहीं होने से अधिकांश लोगों को खाना नहीं मिला। शाम को घर पहुचेंगे।
रोजे खां
व्यवस्था करनी चाहिए
विभाग को पहले तय करना चाहिए कितने लोगों को बुलाना चाहिए। उसके आधार पर व्यवस्था करनी चाहिए।
जगमालसिंह अव्यवस्थाओं का अम्बार
कैम्प में पूर्ण व्यवस्था नहीं होने से दिव्यांग व परिजन परेशान हो रहे है। अव्यवस्थाओं का अम्बार है।
रामलाल
विभाग को पहले तय करना चाहिए कितने लोगों को बुलाना चाहिए। उसके आधार पर व्यवस्था करनी चाहिए।
जगमालसिंह अव्यवस्थाओं का अम्बार
कैम्प में पूर्ण व्यवस्था नहीं होने से दिव्यांग व परिजन परेशान हो रहे है। अव्यवस्थाओं का अम्बार है।
रामलाल