समाज के लोगों ने मृतक परिवार के सदस्य को बालिग होने पर
सरकारी नौकरी दिलाने, मृतक दम्पती की 4 नाबालिग संतानों का भरण-पोषण सरकार की ओर से वहन करने, आश्रितों को दोनों मृतकों के 15-15 लाख रुपए की राशि का मुआवजा दिलाने, राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध समस्त सरकारी सुविधाएं मृतक परिवार को दिलाने की मांग की।
ज्ञापन सौंप दी चेतावनी उन्होंने विभिन्न मांगों को लेकर सीमा सड़क संगठन के समादेष्टा के नाम का ज्ञापन उपखंड अधिकारी एवं पुलिस उप अधीक्षक को सुपुर्द करते हुए मांगे नहीं माने जाने तक शव उठाने से इनकार कर दिया। इसके बाद काफी देर तक पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने समाज, संगठन व परिजनों के साथ समझाइश की।
आश्वासन पर माने
शुक्रवार दोपहर 2 बजे प्रशासन के हस्तक्षेप, समादेष्टा की ओर से दूरभाष पर पीडि़त पक्ष के साथ वार्ता करने, विभागीय स्तर पर उनकी मांगें पहुंचाने, विभागीय स्तर सहित दुर्घटना बीमा दावा के लिए आश्वस्त करने, उपखंड अधिकारी भूपेन्द्र कुमार यादव की उपस्थिति में आश्रित बच्चों को पालनहार योजना से जोड़कर उनका भरण-पोषण सुनिश्चित करने, परिवार को बीपीएल की सुविधाओं सहित मुख्यमंत्री सहायता कोष से हरसंभव सहायता प्रदान करवाने के आश्वासन के बाद परिजन शव लेने को राजी हुए।
ये रहे मौजूद
भाजपा मंडल अध्यक्ष हिन्दूसिंह चौहटन, युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष
शिव प्रतापसिंह, पूर्व उपप्रधान जोगराजसिंह रामसर, पूर्व सरपंच मोतीलाल मालू, सवाईसिंह रामसर, राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना जिलाअध्यक्ष विक्रमसिंह कापराऊ, रेवतसिंह चौहटन, भाजपा उपाध्यक्ष तनसिंह सणाऊ, जिला प्रवक्ता तनेराज सिंह, जेठमालसिंह सणाऊ, विक्रमसिंह बावड़ी कला, रावणा राजपूत समाज के लूणसिंह, गुलाबसिंह, नवलसिंह नारायणसिंह चौहटन, बाड़मेर आगोर सरपंच नाथूसिंह, फरससिंह पवांर आदि मौजूद थे।