मंगलवार को दादा भींयड की छतरी का षष्ठम वार्षिकोत्सव निमित्त विष्णु यज्ञ का आयोजन होगा। नवचंडी महायज्ञ एवं विष्णु यज्ञ की पूर्णाहुति के बाद ध्वजारोहण व महाप्रसाद होगा। सोमवार को डूंगरपुरी मठ के महंत जगदीशपुरी के सानिध्य में तथा पंडित सुरेन्द्र कुमार शर्मा की देखरेख में वैदिक व आध्यात्मिक तरीके से धार्मिक आयोजन का शुभारंभ हुआ।
पाटोत्सव महोत्सव को लेकर वांकल माता के हजारों देवी भक्त श्रद्धालुओं ने मंदिरों में दर्शन व पूजा आराधना कर खुशहाली की कामनाएं की। भक्तिसंध्या में झूमे श्रद्धालु- वांकल विरात्रा माता धर्मार्थ ट्रस्ट के संरक्षक महंत जगदीशपुरी, लीलसर मठ के महंत मोटनाथ, गंगागिरी मठ के खुशालगिरी,अध्यक्ष केप्टन सगतसिंह परो एवं सचिव भैरसिंह ढोक, दिनेश बोहरा, नरपतसिंह दूधवा, लखसिंह घोनिया, मुकनसिंह राठौड़, वेरिसालसिंह सनाऊ आदि ने भजनसंध्या में शिरकत की।
छांवरलाल गहलोत के निर्देशन में गायक गजेन्द्र राव व हनुमानदास वैष्णव ने भजनों की प्रस्तुति देकर श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। दिल्ली की मनोज रिया एंड पार्टी ने झांकियों का प्रदर्शन किया। गजेन्द्रराव ने म्हे थाने सिंवरू गजानद देवा भजन से भक्ति संध्या का आगाज किया तो वातावरण भक्तिरस से सराबोर हो गया। उन्होंने मैं वारि जाऊं रे . बलिहारी जाऊं रे, जागी जागी . जागी रे दिवलां री ज्योत्या जागी रे म्हारा सूं मत करजे भवानी रूसनों सहित कई सुंदर भजनों की प्रस्तुतियां देकर समा बांध लिया।