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रेशमा की माटी को देश की मिट्टी का इंतजार

locationबाड़मेरPublished: Jul 29, 2018 10:44:00 am

– पाकिस्तान रिश्तेदारों से मिलने गई थी रेशमा, वहीं इंतकाल

Barmer reshama in pak

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बाड़मेर.
बाड़मेर की रेशमा का शव शनिवार को दिल्ली से पाकिस्तान तक चली कोशिशों के बावजूद थार एक्सप्रेस चूक गई। मानवता की बड़ी मिसाल का निर्णय लेकर थार एक्सप्रेस को डेढ़ घंटे पाकिस्तान के खोखरापार में रोके रखा लेकिन दूरी ज्यादा होने से परिजन नही पहुंच पाए। रेल रवाना होने के बाद परिजनों को मीरपुर खास में शव के साथ रोक दिया है। अब यह तय होना है कि रेल चूकने के बादशव कैसे भारत पहुंचेगा। थार एक्सप्रेस सात दिन में एक बार चलती है। रास्ता अब सड़क और विमान का बचा है। अटारी के रास्ते इजाजत मिलती है तो परिजनों को पंजाब बॉर्डर का चक्कर लगेगा। दूसरा परिजनों के लिए सरल रास्ता मुनाबाव बॉर्डर से इजाजत रहेगी। इसके लिए अब भारत सरकार के गृहमंत्रालय की विशेष इजाजत चाहिए। कलेक्टर बाड़मेर ने गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से शनिवार को ही आग्रह किया है।
गौरतलब है कि रेशमा बाड़मेर के अगासडी गांव की है। 65 वर्षीय रेशमा की उम्र के इस पड़ाव में पाकिस्तान में रह रही दो बहिनो से मिलने की इच्छा थी। बहनों से मिलकर लौटने से तीन दिन पहले 25 जुलाई कोपकिस्तान में ही इंटकाल हो गया। रेशमा के इंतकाल बाद परिजनों को शव भारत लाने की फिक्र हुई। पत्रिका ने संवेदना से जुड़े मामले को प्रकाशित किया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इसे ट्वीट कर मदद के निर्देश दिए। पाकिस्तान एम्बेसी ने 12 घंटे में समस्त प्रक्रिया पूर्ण कर शव भारत ले जाने की 27 जुलाई को इजाजत दे दी थी।
तय था कि शव शनिवार को थार एक्सप्रेस से आ जाएगा लेकिन रेशमा के आकस्मिक निधन पर परिजनों को लगा कि वीजा अवधि बढ़ानी होगी इसलिए कागजात पाकिस्तान एम्बेसी में जमा कर दिए। ये शनिवार दोपहर तक नही मिले। दोपहर बाद परिजन रवाना हुए। थार एक्सप्रेस को भी रोका लेकिन रेशमा की मिट्टी लेकर परिजन पहुंच न पाए। अब परिजन शव के साथ मीरपुर खास में है। इंतजार है कि इजाजत मिले तो रेशमा की मिट्टी अहले वतन की माटी में मिले।
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