हर माह गांव से करोड़ो का राजस्व, फिर भी विकास के लिए बजट में खाली हाथ
- गिरल की आकली ग्राम पंचायत को सीएसआर बजट नहीं मिला एक रुपया, जबकि सोनड़ी माइंस क्षेत्र में विभाग ने दिए 41 लाख - गिरल गांव में लंबे समय से सड़क भी क्षतिग्रस्त, ग्रामीण परेशान

भवानीसिंह राठौड़@बाड़मेर
बाड़मेर जिले के शिव क्षेत्र का गिरल गांव हर माह कोयला उत्पादन से सरकार का खजाना भर रहा है, लेकिन इसी गांव के बाशिंदे सड़क सहित मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे है। जबकि यहां सरकार की माइंस वर्षो से संचालित हो रही है। हर साल लाखों टन का कोयला उत्पादन हो रहा है। राजस्व का हिस्सा नहीं मिलने से ग्रामीण ठगा हुआ महसूस कर रहे है।
बाड़मेर जिला खनिज उत्पादन से सरकार का खजाना भर रहा है। यहां शिव क्षेत्र की गिरल में राजस्थान स्टेट माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड (आरएसएमएमएल) माइंस से गत साल 2 लाख 76 हजार टन कोयले का उत्पादन हुआ है। कोयले से सरकार को करीब 45 करोड़ रुपए का राजस्व मिला है, लेकिन गांव के विकास के लिए विभाग ने सीएसआर फण्ड से एक रुपया भी स्वीकृत नहीं किया है। ऐसी स्थिति में ग्रामीण सड़क, पानी जैसी सुविधाएं नहीं मिलने से परेशानी का दंश भुगत रहे है। गिरल गांव को जोडऩे वाली मुख्य सड़क मार्ग भाडण्खा से आकली तक पूरी क्षतिग्रस्त है। यहां दिनभर कोयले के वाहन चल रहे है। ऐसी स्थिति में ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
शिव क्षेत्र की आकली ग्राम पंचायत के राजस्व गांव गिरल में लिग्नाइट व थुंबली में बेंटोनाइट खुदाई हो रही है। खदानों से कोयले व बेंटोनाइट से करोड़ो का राजस्व मिल रहा है। यहां ग्राम पंचायत हिस्से में एक प्रतिशत रॉयल्टी की राशि वर्ष 2011 से 2014 तक की देनी थी और इसके बाद सीएसआर व अन्य माध्यम से विकास के लिए पैसा देना था, लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते विकास महज दिखावा बनकर रह गया।
यह गांव की मुख्य समस्याएं
- पेयजल, सड़क, चिकित्सा के साथ मूलभूत सुविधाओं का अभाव
- स्थानीय लोगों को रोजगार भी मुहैया नहीं हो रहा
- भाण्डखा से थूंबली को जानी वाली ग्रामीण सड़क मार्ग पर वाहन चलने से क्षतिग्रस्त सड़क
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इधर, सौनड़ी को दिए 41 लाख सोनड़ी लिग्नाइट माइंस से गत वित्तीय वर्ष में 2 लाख 88 हजार टन का उत्पादन हुआ। यहां विभाग ने 41 लाख रुपए स्वीकृत किए है।
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प्रभावित क्षेत्रों में यह होते है काम
- स्कूली बच्चों की समय पर स्वास्थ्य जांच
- खनन क्षेत्र के आसपास के स्कूलों में बच्चों के लिए वाहन
- पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण
- रोजगार, शिक्षा व चिकित्सा मुहैया करवाना
- गांव की मूलभूत सुविधाएं जैसे सड़क, पानी
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- दस साल से एक रुपया नहीं दिया
गांव में कोयले के उत्पादन से करोड़ो रुपए कमा रहे है, लेकिन दस सालों से गांव में एक रुपया खर्च नहीं किया है। धूएं से ग्रामीणों की हालात खराब है। पौधारोपण को लेकर कोई कार्य नहीं हुए। मुख्य मार्ग भाडण्खा से आकली तक पूरी तरह क्षतिग्रस्त है। जयपुर तक जाके प्रयास किए। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। - भूरसिंह, सरपंच, ग्राम पंचायत आकली
- सीएसआर बजट में पक्षपात हो रहा है
कोयला खनन से प्रभावित गांवों में बजट दिलवाने के लिए अनुंशसा की गई थी, लेकिन आरएसएमएमएल जिम्मेदार अधिकारी प्रस्ताव भेजने में पक्षपात करते है। इसलिए प्रभावित गांवों को बजट नहीं मिला है। यह तरीका गलत है। सरकार स्तर पर मांग करेंगे। जरुरत पड़ी तो आंदोलन करेंगे। - महेन्द्र जाणी, प्रधान, शिव
- प्रयास करते हैं
माइंस क्षेत्र में विकास कार्य करवाने के लिए बजट स्वीकृत होता है। हमने गिरल व सोनड़ी में खूब कार्य करवाए है। सोनड़ी के लिए इस साल भी बजट स्वीकृत हुआ है। गिरल में प्रस्ताव देरी से भेजने की जानकारी है। पूरी जानकारी मेरे पास नहीं है। गिरल से हर माह 40-45 हजार टन कोयले का उत्पादन हो रहा है। - एसी शर्मा, माइनिंग हैड, आरएसएमएमएल
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