डायलिसिस मशीन
कीमत- 25 लाख के करीब कब आई- 12 महीने पूर्व
क्या हुआ- अस्पताल प्रबंधन ने मशीन स्थापित करने के लिए जगह निर्धारित कर दी लेकिन राज्य सरकार ने पीपीपी मॉडल पर मशीन संचालित करने का निर्णय कर लिया।
कीमत- 25 लाख के करीब कब आई- 12 महीने पूर्व
क्या हुआ- अस्पताल प्रबंधन ने मशीन स्थापित करने के लिए जगह निर्धारित कर दी लेकिन राज्य सरकार ने पीपीपी मॉडल पर मशीन संचालित करने का निर्णय कर लिया।
क्या हो रहा असर- प्रति सप्ताह 30 के करीब मरीजों को डायलिसिस के लिए पांच हजार रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। मरीजों केा यह सुविधा अस्पताल में नहीं मिल रही है।
डिजीटल एक्सरे मशीन
कीमत- 16 लाख के करीब
डिजीटल एक्सरे मशीन
कीमत- 16 लाख के करीब
कब से आई- 2 साल पूर्व क्या हुआ- मशीन शुरू है लेकिन अस्पताल प्रबंधन यह तय नहीं करवा पा रहा है कि कौन इसका संचालन करेगा। बीते दिनों निदेशक बीनू गुप्ता यहां आई तो 130 एक्सरे हुए थे। जिला कलक्टर ने भी निर्देश दिए लेकिन संचालन नहीं हो रहा है।
क्या हो रहा असर- बाजार में डिजिटल एक्सरे के कम से कम चार सौ रुपए लिए जाते हैं। पचास से अधिक डिजिटल एक्सरे प्रतिदिन मरीजों को बाहर से करवाने पड़ रहे हैं। मरीजों को इसके लिए बाजार में चक्कर भी लगाने पड़ रहे हैं।
क्या हो रहा असर- बाजार में डिजिटल एक्सरे के कम से कम चार सौ रुपए लिए जाते हैं। पचास से अधिक डिजिटल एक्सरे प्रतिदिन मरीजों को बाहर से करवाने पड़ रहे हैं। मरीजों को इसके लिए बाजार में चक्कर भी लगाने पड़ रहे हैं।
आईसीयू का वेंटीलेटर कीमत- लाखों रुपए में (एक पुराना और तीन हाल ही में सप्लाई हुए)
कब से- एक साल से खराब है, नए तीनों को उपयोग में लिया ही नहीं क्या हुआ- वेंटीलेटर मशीन में आई तकनीकी खराबी को दुरस्त नहीं किया गया।
क्या हो रहा है असर- आईसीयू में मरीज को वेंटीलेटर पर लेने की स्थिति होने पर रैफर किया जा रहा है। उन्हें जोधपुर ले जाना पड़ता है। आपात उपचार नहीं होने से कई मरीजों की जान बीच रास्ते गई है।
कब से- एक साल से खराब है, नए तीनों को उपयोग में लिया ही नहीं क्या हुआ- वेंटीलेटर मशीन में आई तकनीकी खराबी को दुरस्त नहीं किया गया।
क्या हो रहा है असर- आईसीयू में मरीज को वेंटीलेटर पर लेने की स्थिति होने पर रैफर किया जा रहा है। उन्हें जोधपुर ले जाना पड़ता है। आपात उपचार नहीं होने से कई मरीजों की जान बीच रास्ते गई है।
ऑक्सीजन पाइप-लाइन कीमत- 8 लाख के करीब कब से- 2006 से
क्यों हुआ- पाइप लाइन लगा दी गई लेकिन तकनीकी खामी के कारण आगे बात बढ़ी ही नहीं क्या हो रहा है असर- बेड टू बेड पाइप लाइन नहीं होने से अब ऑक्सीजन सिलेण्डर बेड तक लाया जाता है। 350 बेड के अस्पताल में यह व्यवस्था असुविधाजनक है।
क्यों हुआ- पाइप लाइन लगा दी गई लेकिन तकनीकी खामी के कारण आगे बात बढ़ी ही नहीं क्या हो रहा है असर- बेड टू बेड पाइप लाइन नहीं होने से अब ऑक्सीजन सिलेण्डर बेड तक लाया जाता है। 350 बेड के अस्पताल में यह व्यवस्था असुविधाजनक है।
प्रशासन के बोल डायलिसिस मशीन का मामला हमारे स्तर का मामला नहीं है। डिजिटल एक्सरे मशीन पांच दिन से ही बंद है। फिल्म नहीं आई है। इसके लिए लिख दिया गया है। राउंड द क्लॉक चिकित्सक होने पर ही वेंटीलेटर का सही संचालन हो सकता है। यह संभव नहीं है। ऑक्सीजन पाइप लाइन के लिए नया प्लान तैयार किया गया है। 31 लाख का एस्टीमेट आया है। मेडिकल कॉलेज शुरू होने के साथ ही यह सुविधा मिलेगी।
– डा. बी एल मंसूरिया, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, राजकीय जिला चिकित्सालय