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संत कन्याओं का पूजन कर दे रहे हैं बेटी बचाओ का संदेश

देश, प्रदेश में एक ओर जहां दहेज प्रथा तो कन्या भू्रण हत्याएं थम नहीं रही हैं। दुष्कर्म की होती घटनाओं पर बेटियां स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही है। वहीं सरहदी बाड़मेर जिले के कस्बे समदड़ी में एक संत प्रति वर्ष हजारों बेटियों की पूजा करता है। उन्हें जीमण करवाता है। इसमें क्षेत्र भर से बड़ी संख्या में संत व श्रद्धालु शामिल होते हैं।

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Saints are girls worship daughter Save Message

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कन्या जीमण में हजारों कन्याएं होती शामिल
संत कन्याओं का पूजन कर दे रहे हैं बेटी बचाओ का संदेश
10 वर्ष पूर्व कन्या जीमण की शुरुआत
11वें वर्ष के आयोजन में 7500 कन्याओं ने किया जीमण


समदड़ी . देश, प्रदेश में एक ओर जहां दहेज प्रथा तो कन्या भू्रण हत्याएं थम नहीं रही हैं। दुष्कर्म की होती घटनाओं पर बेटियां स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही है। वहीं सरहदी बाड़मेर जिले के कस्बे समदड़ी में एक संत प्रति वर्ष हजारों बेटियों की पूजा करता है। उन्हें जीमण करवाता है। इसमें क्षेत्र भर से बड़ी संख्या में संत व श्रद्धालु शामिल होते हैं।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित देश के विशिष्टजन बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं अभियान से जुड़ जन-जन को यह संदेश दे रहे हंै। इनसे प्रेरित होकर लोग अब बेटियों को बेटों की तरह पालने व इन्हें विकास के अवसर भी प्रदान कर रहे हैं। समदड़ी के संत मृत्यंजपुरी भी कुछ ऐसा ही कर समाज को बेटियों की रक्षा के लिए संदेश दे रहे हंै, तो यह अतिश्योति पूर्ण नहीं होगा। अलख दरबार झूंपा मठ के महंत मृत्युजंयपुरी गत 10 वर्ष से मठ में नवरात्र अनुष्ठान करते हैं। मंदिर में देवी की प्रतिमा विराजित कर प्रतिदिन पूजन व रात्रि में जागरण करते हंै। नवरात्र समापन पर कस्बे व क्षेत्र की हजारों कन्याओं को मठ में आंमत्रित कर उनका पूजन करते हैं। वहीं इन्हें भोजन करवाते हैं। इसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण भाग लेकर सेवाएं देते हंै।
गाजे-बाजे से प्रतिमा का किया विसर्जन
कन्या जीमण बाद शाम को मठ में विराजित मांं दुर्गा की प्रतिमा के विर्सजन को लेकर मंहत मृत्युजंयपुरी के सान्निध्य में शोभायात्रा निकाली गई। ब्राह्मणों के मंत्रोच्चार पर प्रतिमा का पूजन किया गया । कस्बे के मुख्य मार्गों से विसर्जन यात्रा के निकलने पर नगरवासी स्वागत में उमड़े। पुष्प वर्षा से स्वागत किया। शामिल श्रद्धालु डीजे भजनों पर नृत्य करते हुए चल रहे थे। पटाखे छोड़ कर खुशी का इजहार किया। विसर्जन यात्रा रेलवे स्टेशन समदड़ी से मोकण्डी के परिहार जलाशय पहुंची। यहां पर विधि विधान से पूजा-अर्चना कर प्रतिमा का विर्सजन किया गया।
इस अवसर पर समदड़ी बगेची गादीपति संत नरसिंगदास , निर्मलदास , भलरों का बाड़ा महादेव मठ महन्त अर्जुनभारती , कानाना महन्त परशुरामगिरी , पदमाराम चेण्डा, उमरलाई मंहत रामानन्द सरस्वती , होटलू मंहत ख्यालाराम, उमाकान्तगिरी खण्डप, लड्डूगिरी, महादेव मठ समदड़ी महन्त सत्यनारायणभारती सहित अनेक साधु संत मौजूद थे। पूर्व रात्रि में मठ में आयोजित भजन संध्या में नेहा मून्दड़ा, रामू प्रजापत, मूलचन्द राणा ने सुंदर भजनों की प्रस्तुतियां दी।


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