पत्रिका टीम को जानकारी मिली तो हकीकत जानने पहुंचे तो बच्चों और शिक्षकों के चलती क्लास के बीच में भागने का कारण पता चला। दरअसल इस स्थिति में भागने के अलावा बच्चों और शिक्षकों के पास कोई चारा नहंी हैं। क्योंकि यहां जान पर जो बन आती है। इसका कारण है स्कूल के पास पहाड़ी क्षेत्र में होने वाले ब्लास्ट है।
जसाई क्षेत्र के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय तरड़ों की ढाणी पहाड़ी क्षेत्र के पास बनी है। यहां पहाड़ी क्षेत्र में लगातार ब्लास्ट होते हैं। ऐसे में स्कूल का संचालन स्टाफ व विभाग के लिए मुश्किल भरा काम हो गया है। विभाग, ग्रामीणों व अभिभावकों की शिकायत के बावजूद लगातार पहाड़ी क्षेत्र में ब्लास्ट किए जा रहे हैं। इसके कारण बच्चों पर हादसे का साया मंडराता रहता है।
कई बार तो 17-18 ब्लास्ट पत्रिका टीम को स्टाफ ने बताया कि ब्लास्ट के समय इतना तेज कंपन होता है कि पूरी बिल्डिंग ही हिलने लगती है। बच्चे व स्टाफ कक्षा से बाहर भागते हैं। यह क्रम दिन में कई बार हो जाता है। कई दिन तो ऐसे भी होते हैं जब 17-18 बार लगातार ब्लास्ट होता है। ऐसे में बच्चे भयभीत हो जाते हैं। पढ़ाई में ध्यान नहीं लगता है। कुछ ऐसी ही स्थिति शिक्षकों की भी है।
जगह-जगह आ गई दरारें स्कूल परिसर में जगह-जगह दरारें आ गई हैं। स्कूल की चारदीवारी के पिलर हिलने लगे हैं तो कक्षा-कक्ष की छत व दीवारों पर दरारें साफ देखी जा सकती हैं। ऐसे में लगातार पास के क्षेत्र में ब्लास्ट होने से बिल्डिंग के गिरने का खतरा बना हुआ है। अभिभावकों को भी मजबूरी में बच्चों को यहां पढऩे भेजना पड़ रहा है।
डरे रहते हैं बच्चे और अध्यापक स्कूल के पास पहाड़ी क्षेत्र में ब्लास्ट के कारण बच्चे और शिक्षक भयभीत रहते हैं। विभाग को जानकारी कई बार दे चुके हैं, लेकिन ब्लास्ट नहीं रुक रहे हैं।
कल्पना लोढ़ा, संस्था प्रधान, राउप्रावि तरड़ों की ढाणी