समदड़ी राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर उपचार के लिए हर दिन बड़ी संख्या में मरीज उमड़ रहे हैं। जुकाम, खांसी, बुखार, उल्टी, दस्त, पेटदर्द आदि रोगों से ग्रस्त मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं। सर्वाधिक मरीज जुकाम , खांसी के हैं। कस्बे सहित गांवो में मच्छरों का प्रकोप भी बढऩे से मरीजों की संख्या में भी अधिक बढ़ोतरी हुई है। सीएचसी मेंसुबह की ओपीडी चार सौ से बाहर पहुंच गई है ।
चिकित्सकों का टोटा, मरीजों को दिक्कत – क्षेत्र के सबसे बड़े राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नाममात्र दो चिकित्साधिकारी कार्यरत है । इसमें से एक चिकित्साधिकारी नसबन्दी शिविर, विभागीय कार्यों में व्यस्त रहते हैं। इस पर कई बार एक चिकित्साधिकारी को सैकड़ों मरीजों की जांच करनी पड़ती है। इस पर लगने वाली लंबी लाइन पर मरीजों को अधिक परेशानी उठानी पड़ती है। कई बार बारी नहीं आने पर मरीज चिकित्सकों के घर पहुंच उपचार करवाते हैं, लेकिन वहांं भी पहले से लगी लंबी कतारों पर मरीजों का इंतजार करना पड़ता है। अस्पताल समय पूरा होने पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन बन्द होने पर उन्हे मजबूरी में चिकित्सकों के आवास पर इलाज के लिए जाना पड़ता है।
हवा हो गए आदेश- चिकित्सा विभाग ने सभी प्रकार की प्रतिनियुक्तियां रद्द की है। इसके बावजूद समदड़ी अस्पताल के कार्मिक आज भी प्रतिनियुक्ति पर लगे हुए हैं। इससे अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है । इस अस्पताल कार्यरत मेल नर्स रमणियां में प्रतिनियुक्ति पर है। एक मात्र लैब टैक्नीशियन बाड़मेर प्रतिनियुक्ति पर है। समदड़ी अस्पताल में सविंदा पर लगे लैब टैक्नीशियन की सेवाएं ली जा रही है। इस अस्पताल में कार्यरत दो चिकित्साधिकारी भी यहां से अन्यत्र प्रतिनियुक्ति पर चल रहे हैं। नर्सिंग स्टाफ की कमी से वार्ड में भर्ती मरीजों के इलाज में भी देरी हो रही है । नि.सं.
मरीजों में बढ़ोतरी, स्टाफ की कमी- मौसम जनित वायरल के प्रकोप से जुकाम, खांसी व बुखार के मरीजों में बढ़ोतरी हुई है। ओपीडी चार सौ से अधिक है। नर्सिंग स्टाफ सहित चिकित्सकों की कमी से परेशानी हो रही है । डॉ. शिवमंगल नॉगल प्रभारी चिकित्साधिकारी