बावजूद इसके अभी तक शिक्षा और चिकित्सा विभाग में टीकाकरण की कोई शुरूआत नहीं की गई, जिससे शिक्षक समुदाय आक्रोशित है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष बनाराम चौधरी ने सोमवार को मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव शिक्षा एवं चिकित्सा विभाग को चेतावनी पत्र लिख टीकाकरण लगाने का आह्वान किया। ज्ञापन में बताया कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों, शिक्षकों के ड्यूटी के दौरान कोविड संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने से संक्रमण फैल रहा है। शिक्षकों के साथ-साथ इनके परिवार के सदस्य भी संक्रमित हो रहे हैं। पॉजिटिव लोगों को होम क्वारेंटीन करने, डोर टू डोर सर्वे कार्य, आईएलआई संक्रमित लोगों को मेडिसिन किट वितरण, कंट्रोल रूम ड्यूटी, चैक पोस्ट सहित कई कार्यो मे दिन-रात शिक्षकों को लगा रखा है। एक तरफ कई विभागों मे कार्मिको का जनता से सीधी भागीदारी के नाम पर उनका परिवारों सहित टीकाकरण किया जा रहा है लेकिन सरकार शिक्षकों को जनता से सीधा जुड़ाव क्यों नहीं मान रही है।
शिक्षक भी आमजन के बीच रहकर कोविड काम कर रहे हैं उनके बारे में टीकाकरण व्यवस्था नही होना सरासर अन्यायपूर्ण और भेदभाव रवैया है। संगठन के प्रवक्ता भेराराम भाखर ने आरोप लगाया कि सरकार के उपेक्षापूर्ण व्यवहार से कई शिक्षकों के परिवारों के चिराग बुझ गए। बच्चे अनाथ हो गए। शिक्षकों में भारी असंतोष व्याप्त है।
मौत के खौफ में सेवा दे रहे शिक्षक कोविड संबंधित ड्यूटी का बहिष्कार करने को मजबूर होंगे। ऐसी नौबत से बचने के लिए सभी जिलो में ड्यूटी पर तैनात शिक्षकों के लिए शिविर लगाकर टीकाकरण व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।