जिले के शिवकर, महाबार, आदर्श आगोर और बाड़मेर आगोर क्षेत्र में लिग्नाइट कोयला निकालने तथा पावर प्लांट स्थापित करने के लिए भूमि अवाप्त कर 450 करोड़ का अवार्ड जारी किया था। इसके बाद विभाग ने करीब पंाच साल का इंतजार करवाने के बाद जमीन लेने से हाथ खड़े कर दिए। लेकिन छह साल से सरकार व कंपनी के चक्कर में किसान परेशानी झेल रहे हैं।
अधिसूचना सरकार के पास अटकी
करीब ग्यारह माह पहले जिला प्रशासन की ओर से सरकार को जमीन अवाप्त मुक्ति के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। लेकिन सरकार की ओर से अधिसूचना जारी नहीं की जा रही है।
करीब ग्यारह माह पहले जिला प्रशासन की ओर से सरकार को जमीन अवाप्त मुक्ति के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। लेकिन सरकार की ओर से अधिसूचना जारी नहीं की जा रही है।
– बीच में लटका दिया
सरकार ने किसानों को अधरझूल में लटका रखा है। न तो जमीन ले रही है, और ना ही अवाप्त मुक्ति की अधिसूचना जारी हो रही है। छह साल से परेशानी भुगत रहे हैं।- जोगराजसिंह, किसान
सरकार ने किसानों को अधरझूल में लटका रखा है। न तो जमीन ले रही है, और ना ही अवाप्त मुक्ति की अधिसूचना जारी हो रही है। छह साल से परेशानी भुगत रहे हैं।- जोगराजसिंह, किसान
– सरकार की मंशा साफ नहीं शिवकर लिग्राइट का मामला कई बार विधानसभा में उठाया। लेकिन सरकार कोई नतीजे तक नहीं पहुंच पाई है। ऐसे में किसान परेशान हैं। सरकार की मंशा साफ नहीं है। – मेवाराज जैन, विधायक बाड़मेर
– प्रस्ताव सरकार को भेजा शिवकर लिग्नाइट परियोजना में अवाप्त जमीन को मुक्त करवाने के लिए प्रस्ताव सरकार को भेजा हुआ है। अभी तक अधिसूचना जारी नहीं हुई है।- नीरज मिश्र, उपखण्ड अधिकारी बाड़मेर