भारी पड़ रही कंजूसी, 55 करोड़ की जरूरत- जानकारी अनुसार खंड बालोतरा, सिवाना, समदड़ी, कल्याणपुर, पाटोदी क्षेत्र में एक दशक से अधिक पुराने 73 ग्रामीण मार्ग खस्ताहाल है। सिवाना- समदड़ी-कल्याणपुर 32 किमी, धुंधाड़ा- अजीत-समदड़ी 17.50 किमी, पाटोदी- थोब 13 किमी, जसोल-तिलवाड़ा 12 किमी, पचपदरा-खेड़ 10 किमी, काठाड़ी -भागवा 11 किमी, पंऊ-कांखी 8 किमी, गोल भिमरलाई-चौकडिय़ों की ढाणी 8.15 किमी,परेरू-पाटोदी- सूरजबेरा 7 किमी, रिछोली-क्यार चारणान 7 किमी, सिणली जागीर-रिखरलाई 6 किमी, मोकलसर-मोतीसरा- डाबली 6 किमी सहित कुल 73 मार्ग खस्ताहाल है। ये मार्ग मरम्मत लायक नहीं है। इस पर आवागमन में हर दिन हजारों जने परेशानी उठाते हैं। जानकारी अनुसार 73 खस्ताहाल मार्गों के 298 किमी दूरी के पुन: निर्माण के लिए 55 करोड़ रुपए चाहिए। इतने बड़े बजट की स्वीकृति की कम उम्मीद पर अगले कुछ समय तक आमजन को राहत मिलने की संभावना दिखाई नहीं दे रही है।
व्यू.
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ग्रामीण मार्गों की हालत बहुत ही खस्ताहाल है। इन पर से वाहन लेकर गुजरना तो दूर अब यह पैदल चलने लायक तक नहीं है। आमजन की सुविधा व हादसों को रोकने के लिए सरकार इनका पुन: निर्माण करवाएं। – पेंपसिंह भाटी
ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश मार्ग क्षतिग्रस्त है। सरकार हर मानसून बाद मरम्मत को लेकर पैसा खर्चती है। लेकिन दो माह में ही पेच टूटने पर फिर खड्डे होते हैं। सरकार नवनिर्माण की स्वीकृति जारी करें। – जगमोहनसिंह राठौड़
ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश मार्ग क्षतिग्रस्त है। सरकार हर मानसून बाद मरम्मत को लेकर पैसा खर्चती है। लेकिन दो माह में ही पेच टूटने पर फिर खड्डे होते हैं। सरकार नवनिर्माण की स्वीकृति जारी करें। – जगमोहनसिंह राठौड़
क्षतिग्रस्त ग्रामीण मार्गों पर अधिकांश जने कम से कम वाहन का उपयोग करते हैं। क्योंकि इनसे गुजरने पर वाहन के कलपुर्जे टूटते हैं। मरम्मत पर हजारों रुपए खर्च होते हैं। इस पर सरकार तुरंत स्वीकृति जारी करें। – गोबरराम घांची