गुणवत्ता व उन्नत कृषि में परेशानी किसान को बुवाई के दौरान मिट्टी व पानी की गुणवत्ता जांच प्रयोगशाला से करवानी पड़ती है। इससे किसान को मिट्टी व पानी की स्थिति पता चल पाती है। इससे किसान को बुवाई में कोई नुकसान नहीं होता है। वहीं किसान नया ट्यूबवेल खुदवाने के दौरान पानी की जांच भी प्रयोगशाला में करवाते हैं।
फैक्ट फाइल – 15 लाख हैक्टेयर जिले में असिंचित क्षेत्र – 2 लाख 50 हजार हैक्टेयर संचित क्षेत्र – 5 लाख किसान पंजीकृत
— – मृदा वैज्ञानिक नहीं कृषि विभाग की बाड़मेर, बालोतरा व गुड़ामालानी में प्रयोगशाला है। यहां मृदा वैज्ञानिक कर पद रिक्त है, इसलिए काम नहीं हो रहा है। – पदमसिंह भाटी, कृषि अधिकारी, बाड़मेर