बाड़मेर

प्रयोगशालाएं तालों में कैद, कैसे होगी पानी-मिट्टी की जांच

– मिट्टी-पानी की जांच के लिए जोधपुर जा रहे किसान-जोधपुर में जांच में लगता है लम्बा समय-बाड़मेर मेंं तीन प्रयोगशालाएं, एक में भी नहीं मृदा वैज्ञानिक- बाड़मेर, बालोतरा व गुड़ामालानी की प्रयोगशालाए बंद
 

बाड़मेरAug 06, 2019 / 08:38 pm

भवानी सिंह

Soil Laboratories off

बाड़मेर. कृषि विभाग (Agricultural department) की ओर से उन्नत तकनीक के साथ किसानों को खेती के लिए जागरूक किया जा रहा है जबकि जिले में विभाग की मिट्टी-पानी जांच प्रयोगशालाएं लंबे समय से तालों में कैद है। ऐसी स्थिति में किसान मिट्टी व पानी के नमूने के परीक्षण के लिए भटक रहे हैं।
 

कृषि विभाग ने बाड़मेर, बालोतरा व गुड़ामालानी में करोड़ों रुपए खर्च कर मिट्टी व पानी जांच प्रयोगशालाएं स्थापित की। यहां मिट्टी व पानी की जांच के लिए अत्याधुनिक उपकरण भी लगाए गए हैं। लेकिन यहां मृदा वैज्ञानिकों का पद स्थापन नहीं होने पर प्रयोगशालाएं महज दिखावा बन गई हैं। अब किसान मिट्टी व पानी के नमूने लेकर परीक्षण के लिए जोधपुर स्थित प्रयोगशाला Soil laboratory पहुंच रहे हैं। वहां लंबे इंतजार के बाद नमूने की स्थिति स्पष्ट हो रही है। वहीं पानी व मिट्टी की स्थिति स्पष्ट नहीं होने पर किसानों की फसल खराबा व नुकसान हो रहा है।

गुणवत्ता व उन्नत कृषि में परेशानी

किसान को बुवाई के दौरान मिट्टी व पानी की गुणवत्ता जांच प्रयोगशाला से करवानी पड़ती है। इससे किसान को मिट्टी व पानी की स्थिति पता चल पाती है। इससे किसान को बुवाई में कोई नुकसान नहीं होता है। वहीं किसान नया ट्यूबवेल खुदवाने के दौरान पानी की जांच भी प्रयोगशाला में करवाते हैं।

फैक्ट फाइल

– 15 लाख हैक्टेयर जिले में असिंचित क्षेत्र

– 2 लाख 50 हजार हैक्टेयर संचित क्षेत्र

– 5 लाख किसान पंजीकृत

– मृदा वैज्ञानिक नहीं

कृषि विभाग की बाड़मेर, बालोतरा व गुड़ामालानी में प्रयोगशाला है। यहां मृदा वैज्ञानिक कर पद रिक्त है, इसलिए काम नहीं हो रहा है। – पदमसिंह भाटी, कृषि अधिकारी, बाड़मेर

Hindi News / Barmer / प्रयोगशालाएं तालों में कैद, कैसे होगी पानी-मिट्टी की जांच

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.