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अटका अनुदान, भटक रहे किसान, प्रशासन भी नहीं दे रहा ध्यान

locationबाड़मेरPublished: Jan 15, 2018 10:13:42 pm

Submitted by:

Dilip dave

चक्कर काटने को मजबूर धरतीपुत्र, सैकड़ों परेशान

खरीफ 2016 की अनुदान राशि अभी तक अटकी हुई है

खरीफ 2016 की अनुदान राशि अभी तक अटकी हुई है

गडरारोड
खरीफ 2016 की अनुदान राशि अभी तक अटकी हुई है। पहले सरकार ने इस राशि को जारी नहीं किया तो अब प्रशासन इस राशि पर कुंडली लगाए बैठा है। इसके चलते गडरारोड क्षेत्र में सैकड़ों किसान चक्कर काटने को मजबूर है। स्थिति और भी खराब इस बात को लेकर है कि प्रशासन ने जिस नाम से चेक जारी किया है, वह नाम बैंक से मिलान नहीं कर रहा। इसके चलते सैकड़ों किसान बैंकों के बाहर भी बैठने को मजबूर है। गडरारोड, रामसर क्षेत्र के किसानों की किस्मत में मानो भटकना ही लिखा है। पहले अनुदान जारी होने की जानकारी के लिए तहसील कार्यालय के गोते खा रहे थे तो अब अनुदान राशि देने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों से अनुनय-विनय कर रहे हैं। गौरतलब है कि खरीफ 2016 को लेकर अनुदान राशि सरकार ने जारी की है। यह राशि चौदह हजार तक बनती है। इस राशि का भुगतान कभी का हो जाना था, लेकिन गडरारोड में यह अनुदान अभी भी अटका हुआ है। इसको लेकर जब वे तहसील कार्यालय से सम्पर्क करते हैं तो पता चलता है कि राशि अभी तक खाते में आई नहीं, छोटे किसानों की राशि जारी हो गई है।
बैंक में चेक का रोड़ा- किसानों को तहसील कार्यालय से चेक जारी किए गए हैं। यह चेक भी किसानों को चक्करघिन्नी बना रहे हैं। बैंक खाता और चेक पर लिखा नाम मिलान नहीं कर रहा। इस चक्कर में भी भुगतान अटका हुआ है। बतौर उदाहरण खलीफे की बावड़ी निवासी खुदाबक्स खलीफा को खुदाबक्स के नाम से अनुदान चेक जारी हुआ है। बैंक में खुदाबक्स खलीफा के नाम से खाता है, एेसे में चेक जमा नहीं हो रहा।
छोटी राशि, बार-बार चक्कर- गौरतलब है कि सरकार ने मुआवजा राशि के दौर पर यह चेक जारी किए हैं। इसमें चंद रुपए ही है,ंजिसको लेकर किसान चक्कर काटने को मजबूर है। इस संबंध में कालूखां व दोस्तअली ने बताया कि उन्होंने तहसील कार्यालय व बैंक के कई बार चक्कर काटे, लेकिन अभी तक भुगतान नहीं हो पाया है।
कुछ को मिला- अनुदान राशि का भुगतान कुछ किसानों को हुआ है। जानकारी के अनुसार दो हैक्टेयर तक जिस किसान को अनुदान देय है, उसे प्रशासन ने जारी कर दिया है। इससे अधिक हैक्टेयर का भुगतान अटका हुआ है। इस संबंध प्रशासन बजट नहीं होने की बात बता रहा है।
यह है अनुदान योजना- पूर्व में सरकार फसल खराबा होने पर लघु व सीमांत किसानों को अधिकतम दो हैक्टेयर तक का मुआवजा देती थी। यह राशि करीब दस रुपए थी। अब सीमांत क्षेत्र के किसानों को इसका लाभ मिलने लगा है, जिसके चलते बड़े किसान भी अनुदान के हकदार हो गए हैं। यह राशि 14 हजार रुपए तक है। यह राशि लम्बे समय से अटकी हुई है।
किससे करें फरियाद- किसानों ने जब तहसील कार्यालय से फरियाद की तो वहां से कलक्टर को समस्या बताते हुए स्टाफ लगाने को कहा। कलक्टर ने पंचायत समिति कार्यालय से दो कार्मिक लगाने के निर्देश दिए, लेकिन इसकी पालना अभी तक नहीं हुई। इसके चलते अनुदान राशि की सूचियां तहसील कार्यालय में ही धूल फांक रही है।
स्टाफ की कमी- तहसील कार्यालय में स्टाफ की कमी है, जिसके चलते यह परेशानी आ रही है। तहसील के कार्मिक भी लगे हुए हैं। कुछ किसानों को अनुदान राशि जारी भी की गई है।- मूलाराम चौधरी, नायब तहसीलदार गडरारोड
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