बैंक में चेक का रोड़ा- किसानों को तहसील कार्यालय से चेक जारी किए गए हैं। यह चेक भी किसानों को चक्करघिन्नी बना रहे हैं। बैंक खाता और चेक पर लिखा नाम मिलान नहीं कर रहा। इस चक्कर में भी भुगतान अटका हुआ है। बतौर उदाहरण खलीफे की बावड़ी निवासी खुदाबक्स खलीफा को खुदाबक्स के नाम से अनुदान चेक जारी हुआ है। बैंक में खुदाबक्स खलीफा के नाम से खाता है, एेसे में चेक जमा नहीं हो रहा।
छोटी राशि, बार-बार चक्कर- गौरतलब है कि सरकार ने मुआवजा राशि के दौर पर यह चेक जारी किए हैं। इसमें चंद रुपए ही है,ंजिसको लेकर किसान चक्कर काटने को मजबूर है। इस संबंध में कालूखां व दोस्तअली ने बताया कि उन्होंने तहसील कार्यालय व बैंक के कई बार चक्कर काटे, लेकिन अभी तक भुगतान नहीं हो पाया है।
छोटी राशि, बार-बार चक्कर- गौरतलब है कि सरकार ने मुआवजा राशि के दौर पर यह चेक जारी किए हैं। इसमें चंद रुपए ही है,ंजिसको लेकर किसान चक्कर काटने को मजबूर है। इस संबंध में कालूखां व दोस्तअली ने बताया कि उन्होंने तहसील कार्यालय व बैंक के कई बार चक्कर काटे, लेकिन अभी तक भुगतान नहीं हो पाया है।
कुछ को मिला- अनुदान राशि का भुगतान कुछ किसानों को हुआ है। जानकारी के अनुसार दो हैक्टेयर तक जिस किसान को अनुदान देय है, उसे प्रशासन ने जारी कर दिया है। इससे अधिक हैक्टेयर का भुगतान अटका हुआ है। इस संबंध प्रशासन बजट नहीं होने की बात बता रहा है।
यह है अनुदान योजना- पूर्व में सरकार फसल खराबा होने पर लघु व सीमांत किसानों को अधिकतम दो हैक्टेयर तक का मुआवजा देती थी। यह राशि करीब दस रुपए थी। अब सीमांत क्षेत्र के किसानों को इसका लाभ मिलने लगा है, जिसके चलते बड़े किसान भी अनुदान के हकदार हो गए हैं। यह राशि 14 हजार रुपए तक है। यह राशि लम्बे समय से अटकी हुई है।
यह है अनुदान योजना- पूर्व में सरकार फसल खराबा होने पर लघु व सीमांत किसानों को अधिकतम दो हैक्टेयर तक का मुआवजा देती थी। यह राशि करीब दस रुपए थी। अब सीमांत क्षेत्र के किसानों को इसका लाभ मिलने लगा है, जिसके चलते बड़े किसान भी अनुदान के हकदार हो गए हैं। यह राशि 14 हजार रुपए तक है। यह राशि लम्बे समय से अटकी हुई है।
किससे करें फरियाद- किसानों ने जब तहसील कार्यालय से फरियाद की तो वहां से कलक्टर को समस्या बताते हुए स्टाफ लगाने को कहा। कलक्टर ने पंचायत समिति कार्यालय से दो कार्मिक लगाने के निर्देश दिए, लेकिन इसकी पालना अभी तक नहीं हुई। इसके चलते अनुदान राशि की सूचियां तहसील कार्यालय में ही धूल फांक रही है।
स्टाफ की कमी- तहसील कार्यालय में स्टाफ की कमी है, जिसके चलते यह परेशानी आ रही है। तहसील के कार्मिक भी लगे हुए हैं। कुछ किसानों को अनुदान राशि जारी भी की गई है।- मूलाराम चौधरी, नायब तहसीलदार गडरारोड
स्टाफ की कमी- तहसील कार्यालय में स्टाफ की कमी है, जिसके चलते यह परेशानी आ रही है। तहसील के कार्मिक भी लगे हुए हैं। कुछ किसानों को अनुदान राशि जारी भी की गई है।- मूलाराम चौधरी, नायब तहसीलदार गडरारोड